पांकी की घटना को रामगढ़ उपचुनाव से जा रहा जोड़ा, BJP ने कहा - आस्था पर प्रहार होगा तो प्रतिकार होगा ही
महाशिवरात्रि से पहले पलामू के पांकी में हुई घटना के बाद से सियासत भी तेज हो गई है और पूरे मामले को लेकर सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. सत्ताधारी दल की मानें तो पांकी की घटना ऐसे समय में हुई है जब रामगढ़ में चुनाव है.
महाशिवरात्रि से पहले पलामू के पांकी में हुई घटना के बाद से सियासत भी तेज हो गई है और पूरे मामले को लेकर सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. सत्ताधारी दल की मानें तो पांकी की घटना ऐसे समय में हुई है जब रामगढ़ में चुनाव है.
महाशिवरात्रि से पहले पलामू के पांकी में हुई घटना के बाद से सियासत भी तेज हो गई है और पूरे मामले को लेकर सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. सत्ताधारी दल की मानें तो पांकी की घटना ऐसे समय में हुई है जब रामगढ़ में चुनाव है. जब भी कहीं चुनाव होता है तो उससे पहले चुनावी लाभ लेने के लिए ऐसी घटनाएं देखने को मिलती है. वहीं, सत्ताधारी दल के आरोप पर बीजेपी सांसद ने पलटवार करते हुए कहा कि आस्था पर प्रहार हो और उसका प्रतिकार ना हो ये संभव नहीं है.
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जब भी कहीं चुनाव होता है तो ऐसी घटनाएं होती ही हैं
महाशिवरात्रि से पहले पलामू के पांकी में हुए उपद्रव के बाद से सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर हैं तो वहीं सत्ताधारी दल पांकी की घटना को रामगढ़ उपचुनाव से जोड़ रहे हैं. सत्ताधारी दल की मानें तो उपचुनाव से पहले वोटों के ध्रुवीकरण की कवायद है. पेयजल मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि कोई आम व्यक्ति इस तरह के मामले में नहीं पड़ता, जब जब राज्य में कहीं चुनाव होता है, चाहे वो विधानसभा या लोकसभा का चुनाव हो, तो ऐसी घटनाएं आपको देखने को मिलेगी और कमोबेश पूरे देश में ऐसी स्थिति हो गई है. पांकी में भी बेवजह विवाद कराया गया, प्रशासन ने इस पर काबू पाया. ऐसे तत्व को झारखंड में कभी पनपने नहीं दिया जाएगा.
राजनीतिक रोटी सेंकना नहीं है उचित
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पलामू की घटना से राजनीतिक रोटी सेंकना उचित नहीं है. यहां के सद्भावना और भाई चारा को जो भी बिगाड़ने का काम करते हैं उनको चिन्हित कर दोषी कर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी. ऐसे लोगों को सावधान करना चाहेंगे इस तरह के हथकंडे अपना कर राजनीतिक रोटी ना सकें.
आस्था पर प्रहार होगा तो प्रतिकार होगा ही
बीजेपी सांसद सुनील सिंह ने कहा कि सवाल तो उठता है जब बहुसंख्यक समाज का पर्व त्यौहार आता है तभी ये स्थितियां क्यों आती है. अगर बहुसंख्यक समाज उग्र होगा तो अपने पर्व के बजाय दूसरे समुदाय के समय डिस्टरबेंस करेगा. सरकार भागने की चीज नहीं है, सभी संप्रदाय के लिए वातावरण करें. पांकी में जो हुआ वो प्रशासनिक चूक है, एक दिन पहले सूचना मिलने के बाद कार्रवाई नहीं हुई. आप ये चाहते हैं आस्था पर प्रहार हो और उसका प्रतिकार ना हो ये संभव नहीं है.
एक तरफ जहां सत्ताधारी दल और विपक्ष अपने अपने तरीके से रामगढ़ में होने वाले उपचुनाव के लिए जोर आजमाइश में लगे हैं तो वहीं दूसरी तरफ उपचुनाव से ठीक पहले पांकी में हुए उपद्रव को रामगढ़ उपचुनाव से जोड़ कर देखा जाने लगा है.
रिपोर्ट - उत्तम वत्स
HIGHLIGHTS
आस्था पर प्रहार हो और उसका प्रतिकार ना हो ये संभव नहीं - सुनील सिंह
पलामू की घटना से राजनीतिक रोटी सेंकना उचित नहीं - आलमगीर आलम