Palamu: इस पूरे मामले की जांच के लिए पलामू पुलिस छपरा पहुंची. स्थानीय थाने के सहयोग से हथनी को बरामद किया गया.
Palamu News: झारखंड के पलामू से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां जयमिति नाम की हथनी की चोरी का आरोप लगा है. दावा किया गया कि हथनी की कीमत एक करोड़ रुपये है और उसे ₹27 लाख में बेच दिया गया. हालांकि, इस मामले में अब कई तरह के विरोधाभासी बयान सामने आ रहे हैं.
ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के नरेंद्र कुमार शुक्ला ने 11 अगस्त को यह हथनी खरीदी थी. उनका कहना है कि 12 सितंबर को हथनी चोरी हो गई और उन्होंने पलामू सदर थाना में केस दर्ज कराया. केस संख्या 98 के तहत चोरी का मामला दर्ज हुआ. इसके बाद हथनी बिहार के छपरा जिले के बहारपुर गांव में बरामद की गई.
स्थानीय पक्ष का ये आरोप
मौके पर पहुंचे गोरख सिंह के भाई नवीन कुमार ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, 'हाथी का खरीदी-बिक्री कई सालों से बंद है. जयमिति हमें दान पत्र के आधार पर दी गई है. हमारे पास पूरे कागजात मौजूद हैं. चोरी की बात पूरी तरह गलत है.'
नवीन कुमार ने यह भी बताया कि उनके परिवार में पीढ़ियों से हाथी पाले जाते हैं और वे अच्छे से देखभाल करते हैं. उनके अनुसार, गेहूं, गन्ना, धान और घी जैसी चीजों से हथनी का पालन-पोषण किया जाता है. उन्होंने कहा कि प्रशासन को सभी दस्तावेज दिखाए गए हैं और फिलहाल पुलिस ने हथनी को उनके जिम्मेनामा पर रखा हुआ है.
पुलिस की कार्रवाई
इस पूरे मामले की जांच के लिए पलामू पुलिस छपरा पहुंची. स्थानीय थाने के सहयोग से हथनी को बरामद किया गया और कागजी कार्रवाई के बाद फिलहाल गोरख सिंह परिवार के जिम्मे सौंप दिया गया. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है.
वादियों और आरोपियों के बीच विवाद
इस केस में वादी नरेंद्र शुक्ला का आरोप है कि हथनी चोरी कर बेची गई, जबकि गोरख सिंह और उनके परिजन का कहना है कि हथनी दान में दी गई थी. वहीं, परिवार के भीतर भी आपसी विवाद की बात सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि हथनी को लेकर भाइयों के बीच मतभेद है, जिससे मामला और उलझ गया है. फिलहाल हथनी जयमिति गोरख सिंह के पास जिम्मेनामा पर है और पुलिस जांच कर रही है.
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