सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सितंबर से फिर लागू हुई पुरानी पेंशन योजना 

झारखंड सरकार के मुखिया की कुर्सी पर मंडरा रहे संकट के बादल के बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट की बैठक बुलाई. इस दौरान 25 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई.

झारखंड सरकार के मुखिया की कुर्सी पर मंडरा रहे संकट के बादल के बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट की बैठक बुलाई. इस दौरान 25 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई.

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Iftekhar Ahmed
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सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सितंबर से फिर लागू हुई पुरानी पेंशन योजना( Photo Credit : File Photo)

झारखंड सरकार के मुखिया की कुर्सी पर मंडरा रहे संकट के बादल के बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट की बैठक बुलाई. इस दौरान 25 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इस बैठक में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सितंबर 2022 की तारीख से पुरानी पेंशन योजना लागू करने का बड़ा फैसला लिया गया. इसके साथ ही पंचायत सचिव के रिक्त पदों पर नियुक्ति नियमावली को संशोधित करने जैसे फैसले भी लिए गए. 

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वीआईपी मूवमेंट के लिए सरकार किराए पर लेगी चार्टर्ड विमान 
कैबिनेट बैठक में एक अहम निर्णय यह भी लिया गया कि सरकार झारखंड की सीमा के बाहर दूसरे राज्यों में वीवीआईपी और वीआईपी मूवमेंट के लिए एक महीने के लिए चार्टर्ड विमान किराये पर लेगी. इसपर दो करोड़ 6 लाख पचास रुपए खर्च होंगे. जाहिर है, राज्य में मौजूदा राजनीतिक हालात के मद्देनजर लगातार हवाई मूवमेंट के लिए यह निर्णय लिया गया है.

5 सितंबर को पेश करेंगे विश्वास प्रस्ताव
झारखंड कैबिनेट ने आगामी 5 सितंबर को विधानसभा की विशेष बैठक बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. कैबिनेट की बैठक में  गुरुवार को यह निर्णय लिया गया. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि इस दौरान सरकार एक बार फिर विश्वास मत साबित करेगी. राज्य की मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर यह तय किया गया है. गौरतलब है कि कैबिनेट ने यह 'विशेष बैठक' विधानसभा के मॉनसून सत्र के तहत आयोजित करने की स्वीकृति दी है. 

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विधानसभा के लिए राज्यपाल की अनुमति की जरूरत नहीं
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने पिछले पांच जुलाई को मानसून सत्र को तय समय से एक दिन पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया था. अब उसी सत्र की श्रृंखला में 5 सितंबर को बैठक बुलाई गई है. यानी तकनीकी तौर पर इस विशेष बैठक के लिए राज्यपाल की मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी.

दबाव को कम करने की कोशिश
बताया जा रहा है दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरह हेमंत सोरेन की सरकार भी विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पारित कर यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि सरकार के पास पर्याप्त बहुमत है. सरकार के भविष्य को लेकर जताई जा रही आशंकाओं के मद्देनजर यह महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है.

Source : News Nation Bureau

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