/newsnation/media/media_files/2025/09/18/cds-general-anil-chouhan-2025-09-18-19-56-04.jpg)
CDS General anil chauhan Photograph: (Social)
Jharkhand: रांची में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भारतीय सेना की कार्यप्रणाली और अनुशासन पर विस्तार से बात की. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय सेना देश की एकमात्र ऐसी संस्था है, जहां भाई-भतीजावाद या किसी प्रकार का पक्षपात नहीं चलता. यहां हर सैनिक को उसकी मेहनत और काबिलियत के आधार पर पहचान और अवसर मिलते हैं.
जनरल चौहान ने कहा कि सेना की सबसे बड़ी ताकत अनुशासन, समर्पण और ईमानदारी है. किसी भी पद पर तैनाती या जिम्मेदारी सिर्फ योग्यता और प्रदर्शन को देखकर दी जाती है. उन्होंने युवाओं से कहा कि यदि वे मेहनती और ईमानदार हैं, तो उन्हें सेना में आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता.
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र
सीडीएस ने अपने संबोधन में हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि यह एक बेहद सटीक और रणनीतिक ऑपरेशन था. पहला स्ट्राइक 7 मई की रात करीब 1 बजे किया गया, ताकि नागरिक हताहत होने की संभावना न्यूनतम रहे. इस अभियान में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, क्योंकि पाकिस्तान के पास उन्हें रोकने की क्षमता नहीं थी. पूरी कार्रवाई पूरी तरह नियंत्रित और सुरक्षित तरीके से अंजाम दी गई.
#WATCH | Ranchi, Jharkhand: CDS Gen Anil Chauhan says, "... I have come from a very ordinary family... There is no nepotism in the armed forces. You get recognised for your work..." pic.twitter.com/uUnvIEBacu
— ANI (@ANI) September 18, 2025
उन्होंने यह भी बताया कि इस ऑपरेशन में भारतीय नौसेना ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. नेवी ने सटीक हमले किए, जबकि विशेष बल मार्कोस को जम्मू-कश्मीर और पंजाब में तैनात किया गया था. यह अभियान भारतीय सेना की तैयारी, उच्च रणनीति और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल का बेहतरीन उदाहरण है.
युवाओं को प्रेरित किया
सीडीएस ने रांची में मौजूद युवाओं और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सेना में शामिल होना सिर्फ एक करियर नहीं, बल्कि यह देश सेवा का अवसर है. उन्होंने कहा कि सेना का हिस्सा बनने से न केवल राष्ट्र की सुरक्षा में योगदान मिलता है, बल्कि यह जीवनभर गर्व और आत्मसंतोष का अनुभव भी कराता है.
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने करियर विकल्पों में देश सेवा को प्राथमिकता दें. सेना में अवसर सभी के लिए समान हैं, चाहे व्यक्ति किसी भी पृष्ठभूमि से आता हो. अगर कोई काबिल और मेहनती है, तो उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता.
यह भी पढ़ें: Jharkhand Encounter: हजारीबाग मुठभेड़ सुरक्षा बलों ने मार गिराए तीन नक्सली, 1 करोड़ का इनामी सहदेव सोरेन भी ढेर