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Representational Image Photograph: (social)
झारखंड के साहिबगंज जिले में बरहरवा जीआरपी पुलिस को नकली नोट तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के वैष्णव नगर थाना क्षेत्र के हटाकपारा बौछा पारा गांव से कुख्यात जाली नोट तस्कर रंजन मंडल को गिरफ्तार किया है. यह इलाका बांग्लादेश सीमा से सटा हुआ है, जहां से नकली नोटों की अवैध सप्लाई लंबे समय से चल रही थी.
बरहरवा जीआरपी के अनुसार, आरोपी रंजन मंडल के पास से पांच सौ रुपये के नकली नोट बरामद किए गए हैं, जिनकी कुल राशि पांच हज़ार रुपये है. पुलिस का कहना है कि आरोपी कई वर्षों से इस धंधे में सक्रिय है और उसका नेटवर्क सीमा पार से संचालित होता है.
दरअसल, हाल ही में बरहरवा जीआरपी ने नकली नोट तस्करी से जुड़े एक मामले (रेल कांड संख्या 12/25) में तीन तस्करों को 4 लाख 12 हज़ार रुपये के जाली नोटों के साथ पकड़ा था. उसी मामले की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने एक आरोपी से रिमांड पर पूछताछ की. पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर छापेमारी की गई और रंजन मंडल को बॉर्डर इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया है कि नकली नोट सीधे बांग्लादेश से भारत में लाए जाते हैं और फिर उन्हें झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में खपाया जाता है. उसने स्वीकार किया कि इस नेटवर्क में कई और लोग शामिल हैं, जो विभिन्न जिलों में इन नोटों की सप्लाई करने का काम करते हैं. पुलिस अब उसके अन्य सहयोगियों और सरगना की तलाश में जुट गई है.
बरहरवा जीआरपी थाना प्रभारी रामा शंकर प्रसाद ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी बांग्लादेश से बड़े पैमाने पर जाली नोट लाकर भारत के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई करता था. उन्होंने कहा कि इस गैंग से जुड़े और लोगों की गिरफ्तारी जल्द ही हो सकती है. पुलिस इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए लगातार अभियान चला रही है.
यह गिरफ्तारी एक बार फिर इस बात की पुष्टि करती है कि बांग्लादेश सीमा से नकली नोटों की तस्करी अभी भी गंभीर समस्या बनी हुई है. आए दिन पकड़े जाने वाले तस्करों से साफ है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से जाली नोटों की खेप भारत में प्रवेश कर रही है और इन्हें बाजार में चलाने की कोशिश की जाती है.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अगर इस नेटवर्क को जड़ से खत्म करना है, तो सीमा पर सख्ती और खुफिया तंत्र की और भी मजबूत भूमिका जरूरी होगी. फिलहाल जीआरपी और स्थानीय पुलिस मिलकर इस गैंग की पूरी कड़ियों को तोड़ने में जुटी हुई है.