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हापामुनी गांव का मां महामाया मंदिर आस्था का केन्द्र Photograph: (Jharkhand government)
Jharkhand News: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार राज्य के पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. यही वजह है कि सोशल मीडिया के माध्यम से झारखंड का पर्यटन विभाग ऐसी जगहों की जानकारी लगातार दे रहा है. इन्हीं जगहों में आज हम बात कर रहे हैं झारखंड के गुमला जिले के घाघरा प्रखंड में स्थित हापामुनी गांव की जो मां महामाया का प्राचीन और अत्यंत पवित्र शक्ति स्थल माना जाता है.
कहां है हापामुनी का महामाया मंदिर?
यह मंदिर गुमला-लोहरदगा रोड मार्ग पर है. घाघरा प्रखंड मुख्यालय से 12 किलोमीटर की दूरी पर हापामुनी गांव का मां महामाया मंदिर आस्था का केन्द्र बना हुआ है.
झारखंड के गुमला ज़िले के घाघरा प्रखंड में स्थित हापामुनी मंदिर माँ महामाया का प्राचीन और अत्यंत पवित्र शक्ति स्थल माना जाता है।
— Jharkhand Tourism (@VisitJharkhand) December 8, 2025
लोहरदगा मार्ग से पहुँचा जाने वाला यह दिव्य मंदिर लगभग 1100 वर्ष पुराना है, जिसका निर्माण नागवंशी राजाओं ने करवाया था।#HapamuniTemple@HemantSorenJMMpic.twitter.com/vcwCx9HeFs
क्यों खास है मां महामाया मंदिर?
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां भक्त जिस भाव से पूजा करता है, मां का वरदान भक्त को उसी रूप में मिलता है. 1100 सालों से यह मान्यता निरंतर चली आ रही है. यही वजह है कि न सिर्फ राज्य के लोग ही यहां आते हैं, बल्कि दूसरे राज्यों के लोग भी अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए आते हैं और विधिवत पूजा भी करते हैं.
क्या है मंदिर का इतिहास?
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि 1100 साल पहले इस मंदिर की स्थापना नागवंशी राजाओं ने की थी. यह मंदिर हापामुनी गांव की पहचान है. कहा जाता है कि नागवंश के 22 वें राजा गजाधर राय और राम मोन राय के बेटे ने इस मंदिर का निर्माण 869 ईसवी से 905 ईसवी के बीच कराया था. उसके बाद मंदिर की देखभाल की जिम्मेवारी अपने गुरु हरिनाथ को सौंप दी थी. बाद में इस मंदिर में राजा शिवदास ने भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करवाई थी. यहां हर पूर्णिमा को बड़ी संख्या में लोग पूजा करने आते हैं.
क्या है मां महामाया की मूर्ति का अजीब रहस्य?
मां महामाया की मूर्ति को हमेशा ढक कर रखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि खुली आंखों से मां की मूर्ति देखने पर आंखों की रोशनी चली जाती है. मंदिर के पुजारी भी जब मां की मूर्ति के वस्त्र बदलते हैं तो अपनी आंखों पर काली पट्टी बांध लेते हैं.
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