Jharkhand News: गढ़वा में एक स्कूल पर आसमान से पांच बार गिरी बिजली, अंदर पढ़ रहे थे 700 बच्चे
गढ़वा के भवनाथपुर में महज दो दिन पहले आसमान से मौत बरसी थी. आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक किसान की जिंदगी खत्म हो गई.
highlights
- गढ़वा जिले में बच्चों की जान को खतरा
- 307 सरकारी विद्यालयों में नहीं लगा है तड़ित चालक यंत्र
- एक स्कूल पर पांच बार गिरी बिजली
Garhwa:
गढ़वा के भवनाथपुर में महज दो दिन पहले आसमान से मौत बरसी थी. आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक किसान की जिंदगी खत्म हो गई. एक मवेशी की भी मौत हो गई. एक महिला भी आकाशीय बिजली की चपेट में आने से झुलस गई. मंगलवार को भी फिर से आसमान ने आफत बरसाई थी. वज्रपात गढ़वा के केतार प्रखंड के एक स्कूल परिसर में हुआ था. तेज गर्जन के साथ शुरू हुई बारिश के बीच यहां वज्रपात हुआ था. मध्य विद्यालय केतार परिसर में जहां आसमान से बिजली गिरी थी उस स्कूल में 700 नौनिहाल पढ़ाई कर रहे थे. यहां एक बार, दो बार नहीं बल्कि पांच बार बिजली गिरी. बच्चों ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि अचानक चार से पांच बार असामानी बिजली गिरी तो हम लोग डर गए.
नहीं लगे लाइटिंग कंडक्टर
गनीमत रही कि आसमान से ये बिजली स्कूल परिसर के एक पेड़ पर जा गिरी. इस हादसे में सभी बाल-बाल बच गये थे. स्कूल के 700 बच्चे, टीचर और रसोइया सभी खुश भी थे कि जिंदगी बच गई. गढ़वा जिला पठारी क्षेत्र होने के कारण यहां बे मौषम भी आसमानी बिजली कड़कती रहती है. ऐसे में जिले में कई सरकारी विद्यालय हैं, जहां आज भी तड़ित चालक यंत्र (लाइटिंग कंडक्टर) नहीं लगे हैं, जिस कारण बच्चों की जान खतरा है. आकाशीय बिजली से हर साल दर्जनों मौतें होती हैं. यहां, 300 से अधिक सरकारी स्कूलों में तड़ित यंत्र नहीं लगाए गए हैं.
ये भी पढ़ें-लातेहार में खुली शिक्षा व्यवस्था की पोल, स्कूल ग्राउंड में पढ़ने को मजबूर छात्र
क्या है लाइटिंग कंडक्टर?
- तड़ित चालक एक धातु की चालक छड़ होती है
- भवनों की छत पर आकाशीय बिजली से बचाव
- तड़ित चालक का उपरी सिरा नुकीला होता है
- भवनों के सबसे ऊपरी हिस्से में जड़ दिया जाता है
- भवन पर बिजली गिरने से रोकता तड़ित चालक
कई बार लिखी जा चुकी है चिट्ठी
इसी तड़ित चालक यंत्र को स्कूल के भवन पर लगाने के लिए बार-बार चिट्ठी विभाग को भेजी जा रही है, लेकिन विभाग की तरफ से कोई पहल नहीं हो रही है. नतीजा ये हो रहा है कि स्कूल पर बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरती है. बच गये तो ठीक नहीं तो जान देकर इस लापरवाही की कीमत चुकानी पड़ती है. केतार के सरकारी स्कूल में पांच बार आसमान से आफत गिरी थी. बच्चे अभी भी सहमे हुए हैं. बाबजूद इसके स्कूल के भवन पर बिजली से बचाव के लिए कोई तड़ित यंत्र नहीं लगाये जा रहे हैं. विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा नौनिहालों को भुगतना पड़ रहा है.
रिपोर्ट : धर्मेंद्र कुमार
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा