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लालू यादव ने जेल मैनुअल का खुलेआम उल्लंघन करते हुए RIMS में लगाया दरबार, BJP प्रवक्ता का बड़ा आरोप

झारखंड बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शहदेव ने राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू यादव पर अस्पताल में दरबार लगाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि लालू यादव रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं.

Updated on: 13 Jul 2020, 08:47 AM

रांची:

झारखंड बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शहदेव ने राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू यादव पर अस्पताल में दरबार लगाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि लालू यादव रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं. इस दौरान वे अस्पताल में दरबार लगा रहे हैं साथ ही जेल के मैनुअल का भी उल्लंघन कर रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता ने लालू यादव की इस तस्वीर को अपने फेसबुक हैंडल से पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि लालू यादव जेल मैनुअल का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव कोरोना काल में भी दरबार लगा रहे हैं. बहाना ये था कि उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को देखना था. वे मोबाइल पर भी बात कर रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कार्रवाई की मांग की है.

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14 साल की कैद की सजा मिली

बता दें कि लालू यादव को चार चारा घोटाला मामलों में दोषी ठहराया गया है और 14 साल की कैद की सजा मिली है. झारखंड जेल में भ्रष्टाचार के आरोप में कैद हैं. उन्होंने अपनी सजा का एक बड़ा हिस्सा रिम्स में इलाज के दौरान काटा है. वहीं इससे पहले बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को एक साथ दोहरा झटका लगा था. राजद (RJD) के पांच विधान पार्षदों ने जहां पार्टी छोड़कर जनता दल (युनाइटेड) का दामन थाम लिया था, वहीं पार्टी के कद्दावर नेता और उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. राजद के विधान पार्षद राधाचरण सेठ, दिलीप राय, कमरे आलम, संजय प्रसाद, रणविजय सिंह पार्टी छोड़कर जद (यू) में शामिल हो गए. विधान परिषद ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी.

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राजद को लगा दोहरा झटका

बिहार विधान परिषद की तरफ से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, राजद के आठ में दो तिहाई यानी पांच विधान पार्षदों ने एक अलग समूह बनाकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया और सत्तारूढ़ दल जदयू में शामिल हो गए. विधान परिषद के कार्यकारी सभापति के आदेश से उनके विलय को स्वीकृति भी मिल गई. इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले राजद के लिए ना केवल यह बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है, बल्कि राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व को लेकर भी अब सवाल उठने लगा है. सूत्रों का दावा है कि राजद के कई विधायक भी जद (यू) के संपर्क में हैं.