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राजस्थान संकट: रात 2.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस ने किया गहलोत सरकार के बने रहने का दावा

पायलट के दावे के उलट कांग्रेस ने कहा है कि गहलोत सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी.

Updated on: 13 Jul 2020, 08:52 AM

जयपुर:

राजस्थान (Rajasthan) में सत्तारूढ़ कांग्रेस में अंदरुनी कलह के बीच उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार को पार्टी से बगावत के संकेत देते हुए दावा किया कि उनके साथ 30 से अधिक विधायक हैं और अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) सरकार अल्पमत में आ चुकी है. पायलट के दावे के उलट कांग्रेस ने कहा है कि गहलोत सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी. पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, विधायक दल की बैठक में यह स्पष्ट हो जाएगा कि कांग्रेस (Congress) की सरकार बहुमत में है. एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री मीडिया के सामने विधायकों की परेड भी करा सकते हैं और जरूरत पड़ी तो राज्यपाल से मुलाकात कर विधायकों की सूची भी उन्हें सौंपेंगे.

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जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर रात के 2.30 बजे आपातकालीन प्रेस वार्ता बुलाई गई. इस दौरान अविनाश पांडे, रणदीप सुरजेवाला और अजय माकन मौजूद रहे. अविनाश पांडे ने कहा कि सोनिया गांधी के निर्देशों पर जयपुर आए हैं. उन्होंने दावा किया कि 109 विधायक अपने समर्थन पत्र की चिट्ठी मुख्यमंत्री को दे चुके हैं. इसके अलावा कुछ अन्य विधायक भी संपर्क में हैं. पांडे ने कहा कि राजस्थान में मजबूती के साथ सभी विधायक खड़े हुए हैं.

राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 10:30 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है जो विधायक बैठक में मौजूद नहीं होंगे उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. पांडे ने कहा कि विधायकों को व्हिप जारी किया गया है इस व्हिप का उल्लंघन करने पर उनकी पार्टी सदस्यता भी समाप्त हो सकती है.

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उधर, कांग्रेस सूत्रों का कहना है, ‘पायलट ने आलाकमान के सामने अपनी कुछ मांगें रखी थीं. इसके बाद उन्हें संदेश भिजवाया गया था कि वह एक संक्षिप्त बयान जारी करें कि उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी में पूरी आस्था है तथा वो जो भी फैसला करेंगे वह उन्हें स्वीकार होगा.’ सूत्रों ने कहा, ‘देर शाम तक पायलट की तरफ से ऐसा कोई बयान नहीं आया.’ सूत्रों के अनुसार, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी उनसे संपर्क करने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली.

देर शाम सचिन पायलट का 30 से अधिक विधायकों के समर्थन के दावे वाला बयान आने के बाद पार्टी नेतृत्व यह मान रहा है कि पायलट अपना रास्ता अलग करना चाहते हैं. कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने दावा किया कि पायलट के साथ 8 से ज्यादा विधायक नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि इनमें से भी कुछ को वापस लाने की कोशिश की जा रही है. उधर, एक अधिकारिक बयान में पायलट ने कहा कि वह सोमवार को होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे.

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