Jharkhand Weather update: एक तरफ बिहार में बाढ़ बारिश लोगों के लिए कहर बनकर बरस रही है, तो वहीं झारखंड में मानसून की बेरुखी अन्नदाता के माथे पर शिकन का कारण बन गई है. बारिश की बाट जोह रहे किसान परेशान हैं क्योंकि अभी तक खेतों में धान की रोपाई शुरू भी नहीं हो पाई है. मौसम की मार गढ़वा पर सबसे ज्यादा पड़ रही है. जिले में किसानों के चेहरे मुरझा गए है. अबतक उम्मीद के हिसाब से बारिश नहीं हुई है. लिहाजा खेत में पड़े बिछड़े सूखने की कगार पर है. जिले में 55 हजार हेक्टेयर जमीन पर धान की खेती करने का लक्ष्य है, लेकिन बारिश ना होने के चलते अबतक महज 75 प्रतिशत ही बिछड़ा तैयार हो पाया है. गढ़वा में किसान इसलिए भी परेशान हैं क्योंकि जिले में इस साल मानसून 20 दिन देरी से आया है. वो भी अब धीमा पड़ गया है.
कम बारिश ने बढ़ाई चिंता
ऐसे में किसान खेतों में पानी के फुहारे मार रहे हैं. ताकि खेतों में दरारें ना आए. कम बारिश सिर्फ गढ़वा ही नहीं बल्कि कई जिलों में किसानों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. जुलाई महीने में अब तक जिले में 124.22 एमएम तक बारिश हुई है, जबकि इससे दोगुने बारिश की जरूरत है. जिले के क़ृषि पदाधिकारी का कहना है कि बारिश कम होने की वजह से रोपाई शुरू नहीं हो पाई है. उम्मीद है कि इस महीने बारिश होगी जिसके बाद रोपाई शुरू हो सकती है.
मौसम की मार से अन्नदाता लाचार
गढ़वा में फिलहाल तो बिछड़ा बचाने पर भी आफत है. रोपाई तो दूर की बात. किसानों के परेशानी दोगुनी इसलिए भी है क्योंकि शासन प्रशासन की ओर से सिंचाई के लिए कोई दुरुस्त व्यवस्था नहीं की जाती. यही वजह है कि किसान पूरी तरह से बारिश पर निर्भर होते हैं.
HIGHLIGHTS
- बिहार में बाढ़... झारखंड में सुखाड़
- कम बारिश ने बढ़ाई चिंता
- मौसम की मार से अन्नदाता लाचार
Source : News State Bihar Jharkhand