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Jharkhand News: झारखंड राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने कई मंदिरों को भेजे नोटिस, मचा सियासी बवाल

झारखंड में राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के एक फैसले ने सियासी बवाल मचा दिया है. धार्मिक न्यास बोर्ड ने राज्य के कई मंदिर प्रबंधन को नोटिस भेजकर मंदिर कमेटी को भंग करने का फैसला लिया.

झारखंड में राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के एक फैसले ने सियासी बवाल मचा दिया है. धार्मिक न्यास बोर्ड ने राज्य के कई मंदिर प्रबंधन को नोटिस भेजकर मंदिर कमेटी को भंग करने का फैसला लिया.

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Jatin Madan
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रांची का पहाड़ी मंदिर.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

झारखंड में राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के एक फैसले ने सियासी बवाल मचा दिया है. धार्मिक न्यास बोर्ड ने राज्य के कई मंदिर प्रबंधन को नोटिस भेजकर मंदिर कमेटी को भंग करने का फैसला लिया. नोटिस के जरिए रांची का पहाड़ी मंदिर, मेन रोड रांची का बजरंग बली मंदिर, इटखोरी का भद्रकाली मंदिर समेत 15 मंदिरों के प्रबंधन कमेटी को भंग करने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा बंशीधर मंदिर गढ़वा, देउरी मंदिर तमाड़ और कमरे आश्रम समेत कई प्रबंध समिति को नोटिस भेज कर प्रबंधन से जुड़ा डिटेल मांगा है.

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प्रशासनिक अधिकारियों के दखल को किया जाएगा कम

नई मंदिर कमेटियों में प्रशासनिक अधिकारियों के दखल को कम किया जाएगा. जिन कमेटियों में डीसी या एसडीओ शामिल हैं उन्हें भी मुक्त किया जाएगा. ऐसा करने के पीछे न्यास बोर्ड का तर्क है कि प्रशासनिक अधिकारी काम के चलते मंदिर प्रबंधन में समय नहीं दे पाते. न्यास बोर्ड ने नोटिस का जवाब नहीं देने वाले प्रबंधनों पर कार्रवाई का निर्देश भी दिया है.

मंदिरों को सुगम बनाने के लिए ये फैसला

न्यास बोर्ड का कहना है कि ये फैसला मंदिर और धार्मिक स्थलों को भक्तों के लिए सुगम बनाने के लिए लिया गया है, लेकिन बीजेपी को ये फैसला रास नहीं आ रहा है. जहां बीजेपी ने फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि धार्मिक न्यास बोर्ड को स्वतंत्र और निष्पक्ष भाव से काम करना चाहिए. बीजेपी का आरोप है कि बोर्ड को सिर्फ हिंदुओं के धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि बक्कफ बोर्ड का भी हिसाब लेना चाहिए. बीजेपी ने इस फैसले को एक तरफा करार दिया है. जहां बीजेपी बोर्ड के फैसले पर सवाल उठाते हुए धार्मिक न्यास बोर्ड पर निशाना साध रही है तो वहीं JMM भी बीजेपी के वार पर पलटवार करने से नहीं चूक रही.

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सुधार के लिए नई कमेटियों का गठन

न्यास बोर्ड ने कई मंदिर प्रबंधन को नोटिस भेजा है. कुछ ने जवाब दे दिया है और कुछ के जवाब का अभी भी इंतजार है. बोर्ड का कहना है कि धार्मिक स्थलों को कुछ लोगों ने अपनी जेब की संस्था बना ली है और इसी के सुधार के लिए नई कमेटियों का गठन होगा, लेकिन बोर्ड का ये फैसला सियासी गलियारों में हलचल की वजह बन रहा है. देखना होगा कि धार्मिक स्थलों पर शुरू हुई सियासत कहां जाकर खत्म होगी.

रिपोर्ट : कुमार चंदन

HIGHLIGHTS

  • झारखंड राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने कई मंदिरों को भेजे नोटिस
  • प्रशासनिक अधिकारियों के दखल को किया जाएगा कम
  • मंदिरों को सुगम बनाने के लिए ये फैसला

Source : News State Bihar Jharkhand

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