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सरायकेला: डैम विस्थापितों से मिलने का अधिकारियों के पास नहीं है समय, जानें..

झारखंड के सरायकेला जिला के चांडिल डैम विस्थापित मनोहर महतो विगत 27 दिनों से सुवर्णरेखा परियोजना प्रशासक कार्यालय में क्रमिक अनशन पर बैठे हैं. विभागीय अधिकारियों द्वारा सुध नहीं लिए.

Updated on: 20 Mar 2023, 06:23 PM

highlights

  • सरायकेला में अधिखारियों पर उठी सवाल 
  • डैम विस्थापितों से मिलने का अधिकारियों आखिर क्यों नहीं है समय 
  • जय राम महतो आंदोलनकारी ने कही ये बात 

Saraikela:

झारखंड के सरायकेला जिला के चांडिल डैम विस्थापित मनोहर महतो विगत 27 दिनों से सुवर्णरेखा परियोजना प्रशासक कार्यालय में क्रमिक अनशन पर बैठे हैं. विभागीय अधिकारियों द्वारा सुध नहीं लिए जाने के बाद सोमवार को अनशनकारियों का समर्थन करने आंदोलनकारी नेता जयराम महतो, सामाजिक कार्यकर्ता खगेन महतो के साथ अनशन स्थल पर पहुंचे. इस मौके पर जयराम महतो ने चांडिल डैम विस्थापित मूलवासियों को परियोजना के तहत ठगने का आरोप लगाया है. आपको बता दें कि इस अनशनकारी मनोहर महतो के समर्थन में पहुंचे जयरम महतो ने कहा कि स्वर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना मुद्दे को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ी गई है. कोल्हान में हर चुनाव में यह मुद्दा बनता है.कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन आज तक विस्थापितों को उनका हक और अधिकार नहीं दिलाया जा सका है. साथ ही उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार और प्रशासनिक अधिकारी विचार-विमर्श कर विस्थापितों के अधिकारों का समाधान निकालें, साथ ही विस्थापितों का दर्द अधिकारी नहीं समझ सकते और यही नतीजा है कि बरसों बीत जाने के बाद भी विस्थापित अधिकार से वंचित हैं. 

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जय राम महतो आंदोलनकारी

आपको बता दें कि विस्थापित अनशनकारी मनोहर महतो के आंदोलन को शुरू से समर्थन दे रहे सामाजिक कार्यकर्ता खगेन महतो ने कहा कि केंद्र सरकार का गोल्डन लाइन प्रोजेक्ट सफेद हाथी साबित हो रहा है. परियोजना के तहत अरबों रुपये के टेंडर हो रहे हैं, लेकिन विस्थापितों के लिए विभाग और सरकार के पास पैसा नहीं है, अफसोस जनक हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जमशेदपुर के तमाम बड़े कॉरपोरेट घरानों का करोड़ों का वाटर टैक्स का पैसा प्रोजेक्ट में बकाया है, जिस पर ध्यान न देकर विभागीय अधिकारी मालामाल हो रहे हैं.