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Jharkhand News: झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया हाहाकार, लगातार आ रहे इतने केस

झारखंड में हाहाकार मचा है. डेंगू महामारी की तरह राज्य में पैर पसार रही है तो चिकनगुनिया भी कहर बरपाने लगा है.

Updated on: 13 Sep 2023, 03:13 PM

highlights

  • झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया हाहाकार
  • लगातार आ रहे केस
  • अलग से वार्ड बनाने के निर्देश

Ranchi:

झारखंड में हाहाकार मचा है. डेंगू महामारी की तरह राज्य में पैर पसार रही है तो चिकनगुनिया भी कहर बरपाने लगा है. अस्पतालों में मरीजों का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग को डरा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 12 सितंबर तक प्रदेश में डेंगू के 302 और चिकनगुनिया के 204 संदिग्धों की जांच की गई. जिसमें 30 डेंगू और 20 चिकनगुनिया मरीज की पुष्टि हुई और नए मरीजों के साथ राज्य में डेंगू के अब तक 851 और चिकनगुनिया के 243 मरीज मिल चुके हैं.

अलग से वार्ड बनाने के निर्देश

लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या के बीच स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड में रहने का आदेश दिया है. साथ ही अस्पतालों में डेंगू और चिकनगुनिया के लिए अलग से वार्ड बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं. विभाग ने तो आदेश दे दिए हैं लेकिन सवाल उठता है कि क्या अस्पतालों में निर्देशों का पालन हो रहा है. NEWS STATE ने राजधानी रांची के सदर अस्पताल की पड़ताल की.

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डेंगू और चिकनगुनिया पर भी सियासत 

झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया के प्रकोप से जहां लोगों में दहशत है तो वहीं दूसरी ओर अब इस पर भी सियासत ने रफ्तार पकड़ ली है. जहां एक तरफ स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना है कि बीमारी से लड़ने के लिए प्रदेश में पूरी तैयारी है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी प्रदेश सरकार पर लापरवाही का आरोप लगा रही है. बीजेपी का कहना है कि सरकार समस्या को लेकर गंभीर नहीं है. अब सरकार और स्वास्थ्य विभाग समस्या को लेकर कितनी गंभीर है ये तो वक्त बताएगा, लेकिन आम जनता अपनी जागरुकता से बीमारी से बचाव जरूर कर सकते हैं. 

  • डेंगू से बचाव के लिए घर के आस पास पानी जमा नहीं होने दें.
  • पानी से भरे बर्तनों और टंकियों को ढंक कर रखें.
  • हफ्ते में एक बार कूलर से पानी बाहर निकालें.
  • बच्चों को घर के बाहर गंदी जगह पर जाने न दें.
  • सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.
  • लक्ष्ण दिखाई देनें पर डॉक्टरों संपर्क करें.

थोड़ी सावधानी बरतने से डेंगू और चिकनगुनिया के खतरे को टाला जा सकता है. जरूरत है कि लोग भी जागरूक हो और स्वास्थ्य अमला भी अलर्ट रहे. ताकि बीमारी से जंग आसान हो सके.

रिपोर्ट : सूरज कुमार