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Jharkhand High Court Photograph: (social)
Jharkhand High Court: झारखंड हाईकोर्ट ने राजधानी में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी को लेकर सख्त रुख अपनाया है. मामला 23 अगस्त 2024 को भाजयुमो की आक्रोश रैली के दौरान कांके रोड पर जाम में न्यायाधीश फंसने से जुड़ा है. इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज जनहित याचिका की सुनवाई गुरुवार को चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने की.
सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने रांची के ट्रैफिक एसपी से सीधा सवाल किया कि राज्य में अब भी लोग काला शीशा, प्रेशर हॉर्न, नेम प्लेट और राजनीतिक दलों के झंडे लगाकर वाहन कैसे चला रहे हैं और इनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि ऐसे वाहनों पर तुरंत कार्रवाई की जाए और सभी नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए.
वाहनों से झंडे और अवैध उपकरण हटाने का निर्देश
हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य में मोटर वाहन अधिनियम का पूरी तरह पालन होना चाहिए. ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए प्रेशर हॉर्न का उपयोग पूरी तरह बंद हो और काला शीशा, अवैध नेम प्लेट तथा राजनीतिक, धार्मिक या किसी भी प्रकार के अनधिकृत झंडे वाहनों से तत्काल हटाए जाएं. साथ ही ध्वज संहिता के नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए.
रंगीन लाइट और मॉडिफाइड वाहनों पर भी सख्ती
कोर्ट ने लाल और नीली रंग की फ्लैश लाइट, जो आपातकालीन वाहनों का आभास देती हैं, के उपयोग पर भी रोक लगाने का आदेश दिया. मल्टीटोन हॉर्न, अतिरिक्त लाइट और मॉडिफाइड वाहनों को सड़कों पर चलने से रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करने को कहा गया. सभी स्कूल, बस स्टैंड और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर ट्रैफिक नियमों के पालन को लेकर जागरूकता अभियान चलाने का भी निर्देश दिया गया.
11 सितंबर को अगली सुनवाई
खंडपीठ ने सरकार को इस मामले में प्रगति रिपोर्ट पेश करने का आदेश देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 11 सितंबर तय की है. सुनवाई के दौरान रांची के ट्रैफिक एसपी कोर्ट में मौजूद थे. सरकार की ओर से बताया गया कि समय-समय पर वाहनों की जांच होती है और नियम तोड़ने वालों पर चालान व जुर्माना लगाया जाता है.
हाईकोर्ट के इस सख्त रुख से साफ संकेत मिलते हैं कि अब झारखंड में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी पर कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी. आने वाले दिनों में वाहन चालकों को नियमों का पालन न करने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
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