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hemant soren government Photograph: (social media)
Jharkhand News: राज्य के आदिवासियों को उनका हक दिलाने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन दृढ़ संकल्प हैं. झारखंड सरकार ने 23 दिसंबर को राज्य के जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने के लिए पेसा नियमावली — पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) झारखंड नियमावली, 2025 — के गठन की स्वीकृति दे है. अब अधिसूचना जारी होते ही राज्य के अनुसूचित क्षेत्र में पेसा एक्ट लागू हो जाएगा. इसके दायरे में राज्य के 15 जिले होंगे.
इस बारे में झारखंड के सीएम कार्यालय ने 'एक्स' पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि पेसा कानून, आदिवासी समाज की संस्कृति और परंपरा के लिए मील का पत्थर साबित होगा…सभी को बहुत-बहुत बधाई.
पेसा कानून आदिवासी समाज की संस्कृति और परंपरा के लिए मील का पत्थर साबित होगा…
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) December 24, 2025
सभी को बहुत बहुत बधाई।#JharkhandAt25#JharkhandSeJoharpic.twitter.com/27KCoj28Dh
पेसा कानून क्या होता है?
पेसा कानून यानी पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 को इसलिए लाया गया क्योंकि सामान्य पंचायत कानून आदिवासी समाज की सामाजिक संरचना, परंपराओं और सामुदायिक स्वामित्व की भावना से मेल नहीं खाता था. संविधान निर्माताओं ने माना कि आदिवासी इलाकों में निर्णय ऊपर से नहीं, बल्कि ग्राम सभा से नीचे से ऊपर होने चाहिए. पेसा इसी सोच को कानूनी रूप देता है.
पेसा कानून में क्या परिवर्तन हुआ है?
नए नियमों के तहत ग्राम पंचायतों को अपने क्षेत्र में खनन अधिकार, भूमि अधिग्रहण और वन भूमि से जुड़े मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय लेने का वैधानिक अधिकार प्राप्त होगा. योजना बनाने में ग्राम सभा की भूमिका होगी. पारंपरिक ग्राम सभाओं को अधिकार दिया गया है. सभी ग्राम सभा अपने परंपरा को अधिसूचित करेगी. ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सभा को लघु वन उपज के उपयोग, स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, जल संसाधन प्रबंधन के भी अधिकार भी प्राप्त होंगे.
कितना महत्वपूर्ण है पेसा कानून?
आदिवासी इलाकों में शासन का केंद्र जिला या राज्य नहीं, बल्कि ग्राम सभा होगी. विकास कार्यों या खनन परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण से पहले स्थानीय ग्राम सभाओं की सहमति अनिवार्य होगी, जिससे ग्रामीण और आदिवासी समाज अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा खुद कर सकेंगे. भारत में 10 राज्यों में अनुसूचित क्षेत्र हैं जिनके नाम आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान हैं.
Jharkhand News: समृद्ध आदिवासी संस्कृति की पहचान है झारखंड की संथाली भाषा
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