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झारखंड: हेमंत सरकार ने बजट का 88 प्रतिशत किया खर्च, बनाया यह नया रिकॉर्ड

झारखंड में वित्तीय वर्ष 2022-23 में हेमंत सरकार के द्वारा खर्च की गई राशि कुल बजट का लगभग 86 से 88% तक है.

Updated on: 01 Apr 2023, 04:23 PM

highlights

  • राजस्व वसूली में वाणिज्यकर विभाग का नया रिकॉर्ड
  • हेमंत सरकार ने बजट का 88 प्रतिशत किया खर्च
  • विपक्ष ने झारखंड सरकार पर लगाए कई बड़े आरोप

Ranchi:

झारखंड में वित्तीय वर्ष 2022-23 में हेमंत सरकार के द्वारा खर्च की गई राशि कुल बजट का लगभग 86 से 88% तक है. सरकार इसे बेहतर वित्तीय प्रबंधन बताते हुए अपनी उपलब्धि गिना रही है तो विपक्ष ने अपना पीठ खुद थपथपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बेहतर वित्तीय प्रबंधन नहीं बल्कि मार्च लूट है और खर्च की जांच हो. झारखंड में राज्य सरकार बेहतर वित्तीय प्रबंधन का दावा करते हुए बजट की राशि के लगभग 88% खर्च को अपनी उपलब्धि बता रही है. सूबे के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की मानें तो हेमंत सरकार ने वित्तीय अनुशासन के तहत काम किया. जिससे राज्य के खजाने में राजस्व भी आए और खर्च भी हुए. सरकार ने इस वित्तीय वर्ष बजट का आकार बढ़ाया और खर्च भी उस अनुरुप किया. इस वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार को राजस्व की अच्छी उगाही हुई और उसके अनुरुप विभाग ने आवंटित राशि खर्च भी किया.

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राजस्व वसूली में वाणिज्यकर विभाग का नया रिकॉर्ड

वित्त मंत्री ने कहा कि मार्च लूट नहीं, हमारी सरकार ने मार्च में खर्च करने के लिए फ्री किया, जितना खर्च करना है करो, पहले राशि नहीं रहती थी, अब राशि पर्याप्त है. वित्तीय वर्ष 2022- 23 को राज्य सरकार के द्वारा खर्च की गई राशि पर राज्य सरकार के राजस्व प्राप्ति पर अर्थशास्त्री हरिश्वर दयाल ने कहा कि राज्य के बजट का साइज बढ़ा था और पहली बार एक लाख करोड़ से ज्यादा का था. उसके अनुरूप खर्च भी हुआ, जिसके कारण इकोनॉमी में गति भी आई है. पब्लिक एकस्पेंडेच बढ़ा है तो प्राइवेट एकस्पेंडेचर भी बढ़ेगा, जिससे इस साल जीडीपी ग्रोथ राज्य का अच्छा रहेगा. अगली बार राज्य सरकार कुछ और बेहतर कर पाएगी. रिसोर्स मोबेलाइजेशन ज्यादा होगा. अगला वित्तीय वर्ष इससे भी बेहतर होगा. 

हेमंत सरकार ने विपक्ष पर साधा निशाना

वित्तीय वर्ष 2022-23 में हेमंत सरकार के द्वारा लगभग 86% से ज्यादा राशि खर्च किए जाने पर विरोधियों पर निशाना साधते हुए जेएमएम महासचिव विनोद पांडे ने कहा कि बीजेपी और उनके सहयोगी दलों का काम ही है, सरकार के हर काम और हर निर्णय से नाराज रहते हैं. जब उनको सरकार के कामकाज से जवाब मिल जाता है तो राजनीति करने का काम करते हैं . ये स्पष्ट है सरकार के बेहतर वित्तीय प्रबंध के कारण सरकार ने ज्यादा से ज्यादा राशि खर्च किया और वो धरातल पर नजर भी आ रहा है. विपक्ष को सिर्फ राजनीति नहीं करनी चाहिए. राज्य सरकार के कामकाज की सराहना भी करनी चाहिए. हम विपक्ष से सराहना की उम्मीद भी नहीं करते, पर सरकार द्वारा किए जा रहे काम में अड़ंगा न डालें.

विपक्ष ने झारखंड सरकार पर लगाए कई बड़े आरोप

राज्य सरकार के द्वारा बेहतर वित्तीय प्रबंधन बताते और वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल बजट की राशि का लगभग 88% तक खर्च किए जाने पर झारखंड बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अमित कुमार ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सरकार अपना पीठ खुद थपथपा रही है. कुप्रबंधन का व्यापक रुप देखने को मिला है, आने वाले समय में इसकी भी जांच होगी. किस तरह आपने पैसे खर्च किए, कैसे झारखंड को लूटा, ये 88% खर्च की बात करते हैं. ये खर्च नहीं मार्च लूट है और केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि ईडी से जांच हो. इतना-इतना पैसा कहां गया, हेमंत सरकार के द्वारा वित्तीय वर्ष 22-23 में लगभग 88% तक राशि खर्च किए जाने को राज्य सरकार अपनी उपलब्धि बता रही है. बेहतर वित्तीय प्रबंधन बता रहा है तो विपक्ष इसे कुप्रबंधन और मार्च लूट का नमूना बता रहा है.