Jharkhand Foundation Day: जनजातीय विरासत संग कदमताल करते दिखे हेमंत सोरेन, रजत पर्व में दिखा अनोखा नजारा

Jharkhand Foundation Day: सीएम ने स्वयं कलाकारों को पानी, गुड़ और चना बांटकर उनका अभिनंदन किया. इसके बाद उन्होंने ढाक और ढोलक की थाप पर ताल मिलाते हुए कार्यक्रम में ऊर्जा भर दी.

Jharkhand Foundation Day: सीएम ने स्वयं कलाकारों को पानी, गुड़ और चना बांटकर उनका अभिनंदन किया. इसके बाद उन्होंने ढाक और ढोलक की थाप पर ताल मिलाते हुए कार्यक्रम में ऊर्जा भर दी.

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Yashodhan.Sharma
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Jharkhand CM Play Drum

Jharkhand CM Play Drum Photograph: (Hemant Soren X Account)

Jharkhand Foundation Day: झारखंड राज्य के गठन के 25 साल पूरे होने पर पूरे प्रदेश में रजत पर्व धूमधाम से मनाया गया. राजधानी रांची में रविवार को निकली ऐतिहासिक जतरा झांकी इस पूरे आयोजन का सबसे बड़ा आकर्षण बनी. झांकी में झारखंड की जनजातीय परंपराओं, कला, लोकसंस्कृति और समृद्ध विरासत की झलक अत्यंत भव्य तरीके से पेश की गई.

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इस मौके पर राज्य के 32 जनजातीय समुदायों के कलाकारों ने हिस्सा लिया. पारंपरिक पोशाकों में सजे इन कलाकारों ने अपने नृत्य, गीत और लोक शैली के माध्यम से झारखंड की मूल पहचान को जीवंत कर दिया. करीब चार हजार कलाकारों की भागीदारी वाली यह विशाल झांकी डोरंडा के जैप ग्राउंड से शुरू होकर मेन रोड के रास्ते ऐतिहासिक अल्बर्ट एक्का चौक तक पहुंची. ढोल-नगाड़ों की थाप, पारंपरिक संगीत और नृत्य की ताल पर पूरे शहर में उत्सव जैसा माहौल नजर आया.

मंच से सभी कलाकारों का किया स्वागत

अल्बर्ट एक्का चौक पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंच से सभी कलाकारों का स्वागत किया. उन्होंने जनजातीय संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के इस प्रयास की जमकर सराहना की. सीएम ने स्वयं कलाकारों को पानी, गुड़ और चना बांटकर उनका अभिनंदन किया. इसके बाद उन्होंने ढाक और ढोलक की थाप पर ताल मिलाते हुए कार्यक्रम में ऊर्जा भर दी.

खास बात यह रही कि मुख्यमंत्री कुछ दूरी तक जतरा रैली में खुद शामिल हुए और कलाकारों के साथ चलते हुए झांकी का हिस्सा भी बने. उनके इस सहभागितापूर्ण अंदाज ने कलाकारों और आम लोगों में नया उत्साह पैदा कर दिया.

सांस्कृतिक रंग में डूबा शहर

रजत पर्व के मौके पर आयोजित इस भव्य झांकी ने एक बार फिर साबित किया कि झारखंड संस्कृति, परंपरा और जनजातीय विरासत के मामले में बेहद समृद्ध राज्य है. राजधानी की सड़कों पर उमड़ी भीड़, रंग-बिरंगे परिधानों में नृत्य करते कलाकार और गूंजते ढोल-नगाड़े पूरे शहर को सांस्कृतिक रंग में रंगते नजर आए.

इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी रही. अल्बर्ट एक्का चौक से लेकर पूरे मार्ग को पुलिस ने सुरक्षित घेरे में रखा था. डीसी और एसएसपी खुद मोर्चा संभालते नजर आए. यह आयोजन केवल उत्सव नहीं, बल्कि झारखंड की सांस्कृतिक पहचान को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण संदेश भी था.

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Hemant Soren Jharkhand Ranchi
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