झारखंड के युवाओं की बड़ी उड़ान, दुमका में फ्लाइंग इंस्टीट्यूट का शुभारंभ, पायलट बनने का सपना होगा साकार

Jharkhand Flying Institute: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरने ने सोमवार को राज्य के पहले फ्लाइंग इंस्टीट्यूट का उद्धाटन किया है. वहीं, उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का युवा शान से खड़ा होता है क्योंकि उसके पीछे झारखंड सरकार खड़ी है.

Jharkhand Flying Institute: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरने ने सोमवार को राज्य के पहले फ्लाइंग इंस्टीट्यूट का उद्धाटन किया है. वहीं, उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का युवा शान से खड़ा होता है क्योंकि उसके पीछे झारखंड सरकार खड़ी है.

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Ravi Prashant
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हेमंत सोरेन Photograph: (X/@HemantSorenJMM)

Jharkhand Flying Institute: झारखंड के नौजवान अब पायलट बनने के लिए दूसरे राज्यों की ओर नहीं देखेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को दुमका में राज्य के पहले फ्लाइंग इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया. यह उपलब्धि सिर्फ एक संस्थान का उद्घाटन नहीं, बल्कि झारखंड के युवाओं को आसमान में उड़ान देने का एक ऐतिहासिक कदम है. 
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मुख्यमंत्री ने क्या कहा? 

दुमका एयरफील्ड पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम सोरेन ने कहा कि आज झारखंड अपने युवाओं को सिर्फ सपने देखने का नहीं, बल्कि उन्हें साकार करने का रास्ता दे रहा है. उन्होंने बताया कि लंबे समय तक राज्य के युवा पायलट बनने के लिए दूसरे राज्यों में प्रशिक्षण लेने को मजबूर थे, जहां खर्चीला कोर्स और बाहर रहने की मजबूरियों के कारण कई सपने अधूरे रह जाते थे. अब राज्य सरकार उनके भविष्य को सुरक्षित दिशा दे रही है. 

प्रदेश के युवा गर्व करते हैं

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “आज के युवा इस बात पर गर्व करते हैं कि वे झारखंड सरकार की वजह से नए अवसरों के दरवाज़े पर खड़े हैं. हमारी सरकार सिर्फ योजनाएं नहीं ला रही, हम युवाओं का भविष्य गढ़ रहे हैं.” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि झारखंड अपनी रजत जयंती कई तरीकों से, कई दिनों से मना रहा है.

कैसे मिलेगा ट्रेनिंग का मौका?

फ्लाइंग इंस्टीट्यूट को पूरी तरह झारखंड सरकार संचालित करेगी. यहां 30 योग्य छात्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिनमें 15 सीटें आरक्षित श्रेणी के लिए तय की गई हैं. आरक्षित वर्ग के छात्रों को प्रशिक्षण पूरी तरह निशुल्क दिया जाएगा. 
ट्रेनिंग दो चरणों में होगी:
  • पहला चरण (दुमका): कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) विद मल्टी-रेटिंग
  • दूसरा चरण: एयरबस-320 पर टाइप रेटिंग ट्रेनिंग
यानी प्रशिक्षण लेने वाले युवा न सिर्फ कमर्शियल पायलट बनेंगे, बल्कि बड़े एयरबस विमान उड़ाने की भी योग्यता प्राप्त कर सकेंगे.

देश के प्रमुख केंद्रों के साथ साझेदारी

पूरी ट्रेनिंग 200 घंटे की होगी और इसे देश के प्रतिष्ठित सिविल एविएटर प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से आयोजित किया जाएगा. दुमका में प्रशिक्षण के लिए तीन जेलिन एयरक्राफ्ट, तीन ग्लाइडर और एक स्टीमिया एयरक्राफ्ट की व्यवस्था पहले से मौजूद है. सारे बुनियादी ढांचे तैयार कर लिए गए हैं. 
यह शुरुआत झारखंड के युवाओं के लिए सिर्फ करियर का अवसर नहीं, बल्कि उड़ान भरते झारखंड की नई पहचान है. अब आसमान भी झारखंड के सपनों की सीमा नहीं, बल्कि उनका गंतव्य होगा. 
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