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पूर्व CM हेमंत सोरेन की बढ़ी मुसीबत, ईडी ने सबूतों में इन दस्तावेजों को किया शामिल

सीएम हेमंत सोरेन के पद से इस्तीफा देने के बाद 31 जनवरी को कथित रूप से भूमि हड़पने से जुड़े धनशोधन मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था.

Updated on: 07 Apr 2024, 04:44 PM

नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड  के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन  के खिलाफ कुछ अतिरिक्त सबूत जोड़े हैं. उन पर  31 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत की 8.86 एकड़ जमीन अवैध  तरह से हासिल करने का आरोप है.  ईडी ने इस दावे के समर्थन में  एक फ्रिज और स्मार्ट टीवी का बिल सबूतों के रूप में पेश किया है. संघीय जांच एजेंसी ने रांची स्थित दो डीलर से ये रसीदें प्राप्त की हैं. बीते माह 48 वर्षीय झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेता और चार अन्य के खिलाफ दायर याचिका इसे शामिल किया. रांची में न्यायाधीश राजीव रंजन की विशेष पीएमएलए कोर्ट ने 4 अप्रैल को आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया. आपको बता दें कि सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद  31 जनवरी को कथित रूप से भूमि हड़पने से जुड़े धनशोधन केस में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. वह इस समय रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं.

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संपत्ति को अपने नियंत्रण में दिखाने का प्रयास किया

ईडी का कहना है कि दोनों चीजें संतोष मुंडा के परिवार के मेंबरो के नाम पर खरीदा गया था. संतोष मुंडा ने एजेंसी को जानकारी दी कि वह 14-15 वर्षों से उस भूमि (8.86 एकड़) पर रह रहा था. वहीं हेमंत सोरेन के लिए इस संपत्ति की सुरक्षा और देखभाल का काम करता था. एजेंसी ने सोरेन के  इस दावे का खंडन करने को लेकर मुंडा के बयान का उपयोग किया. इसमें कहा गया कि उनका उक्त भूमि से किसी तरह का कोई संबंध नहीं है. ईडी ने राजकुमार पाहन नाम के शख्स के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया. ईडी का आरोप है कि वह सोरेन का सहयोगी है , इसने संपत्ति को अपने नियंत्रण में दिखाने का प्रयास किया. 

मुंडा के बेटे के नाम पर एक फ्रिज को खरीदा गया

एजेंसी के अनुसार, फरवरी 2017 में मुंडा के बेटे के नाम पर एक फ्रिज को खरीदा गया. वहीं उनकी बेटी के नाम पर नवंबर 2022 में  एक स्मार्ट टीवी को खरीदा था. ये इसी जमीन के एड्रेस पर खरीदा गया. ईडी का कहना है कि इससे यह साबित होता है कि संतोष मुंडा और उनका परिवार इस पर निवास कर रहा था. ईडी का ये भी दावा है कि बीते साल अगस्त में इस मामले पर सोरेन को पहला समन जारी किया गया था. इस दौरान पाहन ने रांची के उपायुक्त को पत्र लिखकर कहा था कि  उनके और कुछ अन्य लोगों के कब्जे में जमीन है. अन्य मालिकों के नाम पर दाखिल को खारिज किया जाए. उन्हें संपत्ति से  बेदखली से बचाया जाए.