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जल जीवन मिशन पूरी तरह फेल, पानी की वजह से उत्पन्न हो रही बीमारियां

लातेहार जिले में जलजीवन मिशन पूरी तरह फेल हो चुका है. जिन इलाकों में जल जीवन मिशन का कार्य पूरा हो चुका है, वहां से भी लगातार शिकायतें आ रही है.

Updated on: 29 Nov 2023, 07:58 PM

highlights

  • जलजीवन मिशन पूरी तरह फेल
  • विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने साधी चुप्पी
  • पानी की वजह से उत्पन्न हो रही बीमारियां

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लातेहार जिले में जलजीवन मिशन पूरी तरह फेल हो चुका है. जिन इलाकों में जल जीवन मिशन का कार्य पूरा हो चुका है, वहां से भी लगातार शिकायतें आ रही है. ऐसे में सरकार की इस योजना का ग्रामीणों को कोई खास लाभ नहीं मिल रहा है, लेकिन चुनाव के वक्त वोट बटोरने के लिए सरकार इस योजना को ढाल बना सकती है. इस योजना की जमीनी हकीकत क्या है. दरअसल, करोड़ों रुपये खर्च कर लातेहार जिलेभर के ग्रामीण इलाकों में जल जीवन मिशन के तहत पानी पहुंचाने का कार्य चल रहा है. कई इलाकों में इसका कार्य पूर्ण भी हो चुका है. सरकार ने इस योजना की शुरुआत इस मकसद से की थी कि इसका भरपूर लाभ ग्रामीणों तक पहुंचेगा और ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्या दूर होगी.

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जलजीवन मिशन पूरी तरह फेल

सरकार की इस सोच पर संवेदक पानी फेर रहे हैं. दरअसल, जिन इलाकों में भी जल जीवन मिशन के तहत कार्य पूरा कर लिया गया है. वहां शुरुआती दौर से पाइपलाइन लीकेज, सही ढंग से टंकी तक पानी का नहीं चढ़ना, बोरिंग कम करना समेत कई अन्य तरह की शिकायतें आम है. इसका मुख्य कारण यह है कि इसके निर्माण कार्य में घटिया किस्म की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है. कई इलाकों के ग्रामीण इसकी शिकायत कर चुके हैं.

विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने साधी चुप्पी

यहां तक कि कई जिला परिषद सदस्यों ने भी घटिया निर्माण कार्य को लेकर सवाल उठाया है. बावजूद विभाग के जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साध तमाशबीन बने हुए हैं. स्थानीय विधायक भी इस समस्या पर सुधार कराने को लेकर कोई प्रयास करते हुए नजर नहीं आ रहे हैं. जिससे ग्रामीणों में स्थानीय विधायक के खिलाफ नाराजगी साफ देखी जा सकती है और इस नाराजगी का जवाब ग्रामीण आगामी चुनाव में दे सकते हैं. करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद ऐसे कई इलाके हैं, जहां के ग्रामीण आज भी नदी, पोखर का मटमैला पानी पीने को मजबूर हैं. दरअसल, तस्वीर में दिख रहे लोग जिला मुख्यालय से सटे आरागुडीं पंचायत के लोधवा गांव के ग्रामीण है, जो गांव से करीब एक किलोमीटर की दूरी तय कर नदी का मटमैला पानी सिर पर लेकर घर तक पहुंचते हैं. तब जाकर घर के सदस्यों की प्यास बुझती है.

पानी की वजह से उत्पन्न हो रही बीमारियां

जानकार बताते हैं कि इस पानी को पीने से शरीर में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो सकती है, लेकिन यह सब जानते हुए भी गांव के ग्रामीण मजबूरी में नदी का गंदा पानी पीने को लाचार हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कागजों पर हर घर नल से जल पहुंचाने का वादा पूरा किया जा रहा है. जिसके आधार पर सरकार भी बड़े मंचों पर ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का दावा ठोक देती है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत आरागुडीं पंचायत के लोधवा गांव के ग्रामीणों की लाचारी बया कर रही है. जल जीवन मिशन का कार्य ज़िले के गारू, महुआडांड़, बरवाडीह, हेरहंज, मनिका समेत पूरे जिले भर में किया जा रहा है. जहां से लगातार गड़बड़ी को लेकर शिकायते आती रहती है.

विभाग की लापरवाही आई सामने

बावजूद विभाग मौन है. लापरवाही का आलम यह है कि हर गांव में बोरिंग और वहां टंकी लगाने को लेकर विवाद है. इससे साफ है कि विभाग ने सर्वे में भी भारी लापरवाही बरती है. इधर इस पूरे मामले पर जब न्यूज़ स्टेट की टीम ने विभाग के पलामू प्रमंडल के अधिक्षण अभियंता राज मोहन सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल पहुंचाया जा रहा है. ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि करोड़ों खर्च होने के बाद भी इस योजना से ग्रामीणों को आखिर क्या लाभ होगा? अगर इस योजना की निष्पक्ष रूप से जांच होती है, तो भारी गड़बड़ी और घोटाला खुलकर सामने आएगा.