अगर सीएम ने मदद कर दी तो बच्चे को बचा लेंगे.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
साहिबगंज का एक परिवार अपने मासूम बच्चे की जान बचाने के लिए दर-बदर भटक रहा है. बेबस पिता अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मदद की अपील कर रहा है. बेबस पिता को उम्मिद है कि कहीं ये पुकार सूबे के मुखिया तक पहुंच जाए और घर के लाडले की जान बच जाए. जेब में एक ढेला नहीं है, लेकिन सफर दिल्ली का तय करना है. क्योंकि मासूम की जान खतरे में है. दिल्ली तो नहीं, लेकिन रांची तक परिवार आ गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आवास यहीं है. ऐसे में अगर सीएम ने मदद कर दी तो बच्चे को बचा लेंगे.
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आपको बता दें कि साहिबगंज के एक परिवार के घर 5 महीने का मासूम जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है. जिले के राधाकिशनपुर गांव के रहने वाले बिष्णु कर्मकार अपने बेटे के इलाज के लिए दर-बदर भटक रहे हैं. 5 महीने का बच्चा गंभीर बीमारी से पीड़ित है. पहले तो जिले में ही जनप्रतिनिधियों से मदद मांगी जो मिली भी. राजमहल लोकसभा के सांसद विजय हांसदा के पहल पर बच्चे को रिम्स ले जाया गया, लेकिन वहां से भी डॉक्टरों ने बच्चे को एम्स रेफर कर दिया है. ऐसे में गरीब पिता पैसे के बिना अपने बच्चे के इलाज के लिए रांची में सीएम आवास के चक्कर काट रहा है.
बच्चे के परिजनों का कहना है कि मासूम के इलाज के लिए पटना से लेकर भागलपुर और रांची तक आए, लेकिन हर जगह डॉक्टरों ने जवाब दे दिया. वहीं, रिम्स के डॉक्टरों ने दिल्ली रेफर कर दिया है. डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे के इलाज में 15-20 लाख का खर्च आएगा, लेकिन जो परिवार दो जूम की रोटी भी बामुश्किल जुटाता हो वो लाखों रुपए कहां से लगाए. ऐसे में अब इस लाचार परिवार के पास सिर्फ एक ही उम्मीद है कि इनकी गुहार सीएम तक पहुंच जाए ताकि अपने घर के चिराग को बचा सके.
हालांकि अभी तक परिवार को कोई मदद नहीं मिली है, लेकिन परिवार की आस टूटी नहीं है. पीड़ित परिवार सीएम सोरेन से बच्चे के इलाज के लिए मदद की गुहार लगा रहा है.