logo-image

Politics: झारखंड विधानसभा में मॉब लिंचिंग बिल लाने की तैयारी में हेमंत सरकार, सियासत शुरू

राज्य सरकार एक बार फिर झारखंड विधानसभा में मॉब लिंचिंग बिल लाने की तैयारी में है. मानसून सत्र में राज्य सरकार मॉब लांचिंग बिल लाने वाली है, उससे पहले कैबिनेट की बैठक में इसकी स्वीकृति बनेगी.

Updated on: 24 Jul 2023, 01:57 PM

highlights

  • 28 जुलाई से झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र
  • मॉब लिंचिंग बिल लाने की तैयारी में हेमंत सरकार
  • बिल को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार पर साधा निशाना

Ranchi:

राज्य सरकार एक बार फिर झारखंड विधानसभा में मॉब लिंचिंग बिल लाने की तैयारी में है. मानसून सत्र में राज्य सरकार मॉब लांचिंग बिल लाने वाली है, उससे पहले कैबिनेट की बैठक में इसकी स्वीकृति बनेगी. पिछले साल राज्य सरकार ने इसे विधानसभा से पास करवा कर सहमति के लिए राजभवन भेजा था, पर आपत्तियों के साथ राजभवन ने इसे वापस लौटा दिया था. एक बार फिर राज्य सरकार इसे विधानसभा से पास करवाने की तैयारी में है. झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से शुरू हो रहा है.

यह भी पढ़ें- वाह रे जज्बा, हर रोज जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं यहां के बच्चे

मॉब लिंचिंग बिल लाने की तैयारी में हेमंत सरकार

हेमंत सरकार एक बार फिर मॉब लिंचिग से जुड़ा संशोधित बिल विधानसभा के मानसून सत्र में लाने की तैयारी में है. इस पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने निशाना साधते हुए पूछा कि एक तरफ सत्ताधारी दल के लोग मॉब लिंचिग विधेयक विधानसभा में लाने की बात करते हैं और दूसरी तरफ यही लोग 5वीं अनुसूचि पर आघात करने का काम मॉब लिंचिंग विधेयक लाकर करना चाहते हैं. केंद्र जिस यूसीसी की बात कर रही है, तो यूसीसी को ठीक नहीं बता कर यही कांग्रेस और जेएमएम के लोग विरोध करने का काम कर रहे हैं. यहां की सरकार से कहना है कि इस सरकार के गठन के साथ ही आदिवासियों के साथ अपराधिक घटनाएं घटी है. राज्य सरकार अनर्गल कदम उठा कर यहां की जनता को गुमराह न करें.

बीजेपी ने राज्य सरकार पर साधा निशाना

बीजेपी के आरोप पर झारखंड के संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने बीजेपी के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि एक बिल एक बार क्या हम तीन बार भेज सकते हैं. राज्यपाल ने उस पर टिप्पणी किया है. चाहे 1932 के खतियान की बात हो, ओबीसी आरक्षण की बात हो. राजभवन ने जो सवाल किया है, उसको सही तरीके से विधानसभा के पटल पर रख कर पारित करेगें. राज्यपाल अगर कुछ खारिज करते हैं तो संविधान में उसको लेकर नियम है, दोबारा तो भेजा ही जा सकता है. केंद्र सरकार के पास भी राष्ट्रपति से बहुत सारे बिल लौट कर आते हैं और उसे दूसरी बार, तीसरी बार भेजा जाता है, उनके लिए जायज है, मेरे लिए गलत. बीजेपी हमेशा दोहरा मापदंड अपनाती है.

28 जुलाई से मानसून सत्र शुरू

झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है और सरकार इस सत्र में एक बार फिर से मॉब लिंचिंग से जुड़े विधायक लाने की तैयारी में है. दरअसल, इससे जुड़े विधेयक को राजभवन ने आपत्तियों के साथ लौटाया था. अब सरकार एक बार फिर इसे कैबिनेट से पास करवा कर संशोधित बिल लाने की तैयारी में है, जिसे लेकर सियासत शुरू हो चुका है.