ईडी के समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत में सुनवाई हुई. अब इस पर अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में त्रुटि को सुधारने का निर्देश दिया. वहीं, सीएम हेमंत सोरेन की ओर से कहा गया है कि अब इस मामले में उनके दिल्ली के अधिवक्ता पक्ष रखेंगे. गौरतलब है कि जमीन घोटाला में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी सीएम सोरेन को बार-बार समन भेजकर पूछताछ के लिए बुला रही है, लेकिन वह इसे गैर कानूनी बताते हुए हाजिर नहीं हो रहे हैं.
सीएम सोरेन की याचिका पर हुई सुनवाई
ईडी ने पहला समन जारी कर सीएम को 14 अगस्त को बुलाया गया था.
सीएम ने दूसरा समन जारी होने पर सुप्रीम कोर्ट का रूख कर लिया था.
सीएम ने सुप्रीम कोर्ट में ईडी के समन को चुनौती देते हुए याचिका दायर की.
सुप्रीम कोर्ट ने सीएम को हाईकोर्ट में याचिका दायर करने का आदेश दिया.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 23 सितंबर को झारखंड HC में ED के समन को चुनौती दी.
सीएम की याचिका में PMLA के सेक्शन 50 और 63 की वैद्यता को चुनौती दी गई.
याचिका में कहा गया है कि ये धाराएं संविधान द्वारा दिए मौलिक अधिकारों का हनन करती है.
जानिए कौन सी धाराओं को सीएम ने दी है चुनौती
सीएम ने जिन दो धाराओं यानी सेक्शन 50 और 63 की वैधता को चुनौती दी है.
दरअसल, PMLA की धारा 50 ईडी अधिकारी को किसी व्यक्ति को बुलाने और उसका बयान दर्ज करने का अधिकार देती है.
ED व्यक्ति को पूछताछ का कारण बताने को लेकर भी बाध्य नहीं है.
यानी बिना किसी कारण बताए ही शख्स को समन जारी हो सकता है.
धारा 63 कहती है कि झूठा बयान देना या जानकारी नहीं देना अपराध है.
धारा 63 के तहत झूठा बयान देने वालों की गिरफ्तारी का भी अधिकार है.
HIGHLIGHTS
- CM सोरेन की याचिका पर HC में हुई सुनवाई
- 11 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
- याचिका में त्रुटि को सुधारने का दिया गया निर्देश
Source : News State Bihar Jharkhand