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इंसानी शक्ल वाली मकड़ी.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
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इंसानी शक्ल वाली मकड़ी.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
झारखंड में सरायकेला के जंगल रेंज दलमा में एक इंसानी शक्ल की मकड़ी चर्चा का विषय बनी हुई है. जीव जंतुओं पर शोध करने वाले राजा घोष नाम के एक शख्स ने दलमा के जंगलों से इंसानी शक्ल के मकड़ी की खोज की है. हालांकि इस मकड़ी की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. जहां कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि ये दूसरे ग्रह की है. वहीं, दलमा रेंज के आई एफ एस डॉक्टर अभिषेक कुमार ने इसे गलत करार दिया और कहा कि इस मकड़ी की पहचान कर ली गई है. इसकी पहचान क्रैब स्पाइडर के रूप में हुई है. जो इस धरती पर पहले से हैं, लेकिन अनदेखी है.
पहले भी देखी गई थी ये मकड़ी
मिली जानकारी के अनुसार इससे पहले भी इस मकड़ी को देखा गया है. सबसे पहले इस मकड़ी को चीन में देखा गया था और उसके बाद असम में. असम में ये मकड़ी एक चाय बागान में पाई गई थी. अब इस खास मकड़ी को झारखंड के दलमा में देखा गया है. जिसके बाद से ही ये अब कौतूहल का विषय बनी हुई है. जीव-जंतुओं पर शोध करने वाले लोगों ने इस पर रिसर्च शुरू कर दी है.
केकड़े की तरह हैं पैर
विशेषज्ञों की माने तो इस मकड़ी की पहचान क्रैब स्पाइडर के रूप में हुई है. इसे थोमिसाइड प्रजाति की मकड़ी माना जा रहा है. कई लोग तो इसे केकड़ा मकड़ी भी बता रहे हैं और इसकी वजह है इसके आगे के दो पैर. दरअसल इस मकड़ी के आगे के दो पैर केकड़े की तरह दिखते हैं. लोगों का यह भी कहना है कि यह चलती भी केकड़े की तरह ही है.
शिकार का तरीका सबसे अलग
विशेषज्ञों को कहना है कि इस मकड़ी के शिकार करने का तरीका भी सबसे अलग है. ये दूसरी मकड़ियों की तरह जाल बनाकर, उसमें फंसाकर शिकार नहीं करती. ये मकड़ी अपने शिकार की इंतेजार में घात लगाकर शांति से बैठी रहती है. घंटों तक बिना हिले-डुले शिकार के पास आने का इंतेजार करती है. जैसे ही शिकार इसके पास आ जाता है ये हमला कर देती है और एंबुस की तरह शिकार करती है.
दलमा के जंगल में क्यों दिखी
बताया जा रहा है कि ये मकड़ी घार और पेड़ों की छाल में अपना घर बनाती है. तो दलमा के जंगल इसके पसंदीदा घरों में से एक हो सकते हैं. कुछ लोगों ने इसके बिहार के कई इलाकों में भी देखे जाने का दावा किया है. आपको बता दें कि दलमा के जंगलों को सिर्फ हाथियों को ही जाना जाता था, लेकिन अब यहां कई ऐसे कीड़े मकोड़े देखने को मिलते हैं, जो अभी तक अनदेखें हैं.
विशेष प्रकार की मकड़ी
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस मकड़ी की उम्र लगभग 2 साल तक हो सकती है. वहीं, इसकी लंबाई 1 से 2 सेंटीमीटर तक है. इसके पेट के एक हिस्से पर कुछ धब्बे हैं, जो इसे इंसान की हमशक्ल जैसा बनाता हैं. वैसे आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब अविश्वसनीय रूपरेखा वाला जीव जंतु देखा गया हो. इससे पहले भी पृथ्वी पर कई खास आकृतियों वाले जीव-जंतु और पेड़-पौधों को देखा गया है. इंसान जैसी शक्ल वाली मछलियां भी पहले देखी गई हैं.
HIGHLIGHTS
Source : News State Bihar Jharkhand