हर घर नल योजना फ्लॉप! भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी योजना

झारखंड में सरकार जनता के लिए विकास योजनाएं तो लाती है, लेकिन ये योजनाएं धरातल पर आते-आते दम तोड़ देती हैं.

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Vineeta Kumari
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हर घर नल योजना फ्लॉप!( Photo Credit : फाइल फोटो)

झारखंड में सरकार जनता के लिए विकास योजनाएं तो लाती है, लेकिन ये योजनाएं धरातल पर आते-आते दम तोड़ देती हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है बिचौलिये और भ्रष्ट अधिकारी. जो जनता के लिए बनाई योजनाओं में धांधली करते हैं और जनता के हक पर सेंधमारी करते हैं. गुमला में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. जहां जिले के सिसई प्रखंड में चेक डैम इंटेक वेल और वाटर फिल्टर के निर्माण कार्य में जमकर धांधली की जा रही है. गुमला के पोढ़ा पहान टोली गांव के पास कोईल नदी में हर घर नल योजना के तहत चेक डैम इंटेक वेल और वाटर फिल्टर का निर्माण किया जा रहा है. ताकि सिसई प्रखंड के 18 पंचायत में सभी घरों तक नल का पानी पहुंचाया जा सके, लेकिन सरकार की ये महत्वाकांक्षी योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है. दरअसल, इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट लिमिटेड ने इस निर्माण कार्य की जिम्मेदारी श्री राम इंटरप्राइजेज को सौंपा था और निर्माण शुरू होने के साथ ही इसमें अनियमितता का दौर जारी है. 

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चेकडेम निर्माण के लिए जो नींव बनाई गई उसमें छड़ भी नहीं डाला गया.
मिट्टी मिले बालू और नदी किनारे के मरे हुए पत्थरों से ही ढलाई कर दी गई.
डैम निर्माण में चिप्स और सीमेंट की मात्रा बहुत ही कम थी.
जिसका नतीजा हुआ कि जहां इस क्षेत्र में इस बारिश ना होने के बाद भी डैम टूट गया.
डैम की बाउंड्री में दरारें पड़ गई हैं, पीसीसी कार्य उखड़ गए हैं.
यहां तक की योजना के तहत जिन भवनों को ढाला गया है उससे भी पानी रिसने लगा है.
जिसके कारण छत के ऊपर त्रिपाल देकर पानी को चूने से रोका जा रहा है.

भ्रष्टचारियों पर कब होगी कार्रवाई?

पानी सप्लाई के लिए जो पाइप बिछाए जा रहे हैं उसे गांव की सड़कों के में ही खोद कर बिछाया जा रहा है और उसको सही तरीके से बंद नहीं करने के कारण सड़के भी खराब हो रही है. कई अनियमित है, जिसकी गहराई से जांच करने पर कई बड़े खुलासे हो सकते हैं. वहीं, ग्रामीणों की शिकायत मिलने पर जिला परिषद अध्यक्ष किरण वाड़ा भी मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने निर्माण में उच्च स्तरीय जांच की मांग की. वहीं, योजना के भ्रष्टाचार को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश का माहौल है. जब योजना की शुरुआत हुई थी, तो ग्रामीणों को लगा था कि शायद अब उन्हें पीने के पानी के लिए जद्दोजहद ना करनी पड़े, लेकिन अब भ्रष्ट बिचौलियों और अधिकारियों की मिलीभगत ने ग्रामीणों की उम्मीद पर पानी फेर दिया है. ग्रामीणों की मानें तो उन्होंने कई बार इसको लेकर शिकायतें दर्ज कराई है, लेकिन अधिकारियों ने आजतक इसपर ध्यान नहीं दिया.

HIGHLIGHTS

  • सरकारी पैसों की हुई बंदरबाट
  • कुंभकर्णी नींद में सोए अधिकारी
  • भ्रष्टचारियों पर कब होगी कार्रवाई?

Source : News State Bihar Jharkhand

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