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लातेहार में हाथियों का तांडव, दाने-दाने को मोहताज हुए ग्रामीण

लातेहार में इनदिनों हाथियों ने काफी तांडव मचा रखा है जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. सातवें दिन हाथियों ने जिले के महुआडांड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत सोहर पंचायत के कटहल टोली में 6 घरों को ध्वस्त कर घर में रखे अनाज चट कर गए.

Updated on: 22 Jan 2023, 01:04 PM

highlights

  • लातेहार में हाथियों ने काफी तांडव मचाया 
  • 6 घरों को ध्वस्त कर घर में रखे अनाज चट कर गए हाथी
  •  ग्रामीण अब दाने-दाने को हुए मोहताज 
  • ग्रामीणों ने वन विभाग पर झूठा आश्वासन देने का लगाया आरोप 

Latehar:

लातेहार में इनदिनों हाथियों ने काफी तांडव मचा रखा है जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. सातवें दिन हाथियों ने जिले के महुआडांड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत सोहर पंचायत के कटहल टोली में 6 घरों को ध्वस्त कर घर में रखे अनाज चट कर गए. गांव में हाथियों के प्रवेश से ग्रामीणों में काफी डर बना हुआ है. आलम ये कि ग्रामीण शाम होते ही घर छोड़ कर जंगल में सोने को विवश हैं. इधर जिन घरों में हाथियों ने आतंक मचाते हुए खाने-पीने की सामग्री को चट कर दिया है उस घर के ग्रामीण अब दाने-दाने को मोहताज हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग पर झूठा आश्वासन देने का आरोप भी लगाया है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि घटना के बाद वन विभाग की टीम गांव तो आई थी और ग्रामीणों को मुआवजा और पेट की भूख मिटाने के लिए खिचड़ी देने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब तक विभाग से कोई मदद नहीं मिली है. ग्रामीण आपस में ही किसी तरह लेन देन कर जीविका चलाने को विवश हैं.

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भूखे रहने को मजबूर हैं लोग 

हाथी के आतंक से ग्रामीण पूरी तरह से दहशत में रात बिताने को मजबूर हैं. शाम होते ही लोग घर द्वार छोड़ किसी मंदा में घुसकर रात भर जाग रहे हैं. ठिठुरन भरी ठंड में ग्रामीण जलावन की लकड़ी का जठा जला जलाकर अपनी जान की सुरक्षा कर रहे हैं. हाथियों के इस आतंक से कटहल टोली में निवास करने वाले कोरवा समुदाय की महिलाएं एवं छोटे बच्चे दिन भर भूखे रहने को मजबूर हैं. इस मामले में लोगों ने बताया कि उनका घर हाथियों के द्वारा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया है एवं घर में रखा अनाज हाथियों ने चट कर दिया है. जिससे वह भूखे रहने को विवश हैं. वन विभाग के द्वारा हमे खिचड़ी देने की बात कही गयी थी, लेकिन अबतक कुछ नहीं दिया गया है. फ़िलहाल हाथियों के द्वारा गांव में इतनी बड़ी तबाही मचाने की जानकारी के बाद भी ग्रामीणों को सहयोग करने की जगह वन विभाग का मूकदर्शक बने रहना समझ से परे है.

रिपोर्ट - गोपी कुमार सिंह