अगर आप झारखंड पहली बार आए तो यहां पर कई जगहों के चौक-चौराहों पर व्हाइट और रेड कलर का झंडा लगा हुआ दिखेगा. यह झंडा किसी पार्टी का नहीं बल्कि झारखंड राज्य की करीब 27 फीसदी आबादी वाले आदिवासीयों का पवित्र प्रतीक चिन्ह है. इस झंडे को सरना झंडा कहा जाता है. बता दें कि सरना आदिवासियों के पूजा स्थल को भी कहा जाता है, जहां वह अपने त्योहारों को एकसाथ पूजा-अर्चना कर मनाते हैं. आदिवासी मूर्ति पूजा की बजाय प्रकृति पूजा करते हैं. दरअसल, आदिवासियों को लेकर एक मान्यता है कि वह कोई धर्म नहीं बल्कि जीवन पद्धति है. यूं तो आदिवासी समुदाय की ज्यादातर अबादी के पूजा-पाठ के विधि-विधान और रहन-सहन आदि सनातन हिंदू धर्म के अनुरूप है.
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सरना धर्म कोड की मांग हुई तेज
वहीं समय-समय पर झारखंड के आदिवासी समुदाया अपने अलग सरना धर्म कोड की मांग करते रहते हैं. एक बार फिर उनकी यह मांग तेज हो गई है. इसी कड़ी मे देवघर के मथुरापुर में जसीडीह दिल्ली मुख्य मार्ग को आदिवासियों ने बाधित कर दिया और रेल की पटरी पर उतरकर हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा. इसके साथ ही हेमंत सरकार से जल्द से जल्द सरना धर्म कोड लागू करने की मांग की.
जमीन हमारा, जंगल हमारा, पहाड़ हमारा
इस दौरान उन्होंने कहा कि जमीन हमारा, जंगल हमारा, पहाड़ हमारा, फिर भी हम उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. वहीं, आदिवासी सेंघल मोर्चा के बैनर तले नेतृत्व कर रही मंजू मुर्मू ने बताया कि वर्षों से आदिवासियों का शोषण हो रहा है. हम आदिवासी स्थानीय है फिर भी हम शोषित हो रहे हैं. जल, जंगल, जमीन पर राजनीति हो रही है, लेकिन हमारा विकास नहीं हो रहा है. हम जहां हैं, वहीं पर ठहर गए. जरूरत है अब आदिवासी सरना धर्म कोड लागू हो, इससे आदिवासियों का बहुत हद तक विकास होगा और न्याय मिलेगा.
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जानिए क्या है सरना धर्म
झारखंड, ओडिशा, बंगाल और बिहार में आदिवासी समुदाय का एक बड़ा तबका अपने आपको सरना धर्म का अनुयायी मानता है. ये लोग प्रकृति पूजा करते हैं और इनकी आस्था 'जल, जंगल, ज़मीन' में है. ये पेड़ों और पहाड़ों की पूजा करते हैं.
झारखंड में कुल 32 जनजातीय समुदाय
झारखंड राज्य में आदिवासियों की आबादी काफी है. यूं तो देश में झारखंड, ओडिशा, बंगाल से लेकर राजस्थान, अंडमान से अरुणाचल तक आदिवासी आबादी है. वहीं झारखंड और इसके आस-पास के आदिवासी खुद को सरना धर्म से जुड़ा बताते हैं. वहीं अलग-अलग राज्यों के आदिवासी अलग-अलग मान्यताओं को मानते हैं.
HIGHLIGHTS
- फिर तेज हुई सरना धर्म कोड की मांग
- झारखंड में कुल 32 जनजातीय समुदाय
- जानिए क्या है सरना धर्म
Source : News State Bihar Jharkhand