सीएम सोरेन के कार्यकाल को 3 साल पूरा, स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल
आज ही के दिन सूबे की हेमंत सोरेन सरकार के तीन वर्षों का कार्यकाल पूरा हुआ है, जिसका ये दावा है कि उन्होंने राज्य के दबे कुचले, आदिवासियों और गरीबों के लिए काम किया है और करते रहेंगे.
highlights
- हेमंत सोरेन सरकार के तीन वर्षों का कार्यकाल पूरा
- ब्लड ना मिलने से मासूम की हुई मौत
- ब्लड कैंसर से जूझ रहा था 4 साल का बच्चा
Godda:
आज ही के दिन सूबे की हेमंत सोरेन सरकार के तीन वर्षों का कार्यकाल पूरा हुआ है, जिसका ये दावा है कि उन्होंने राज्य के दबे कुचले, आदिवासियों और गरीबों के लिए काम किया है और करते रहेंगे. मगर अभी भी बहुत ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सरकार को कार्य करने की जरुरत है .उनमें से सबसे बड़ी चीज स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की है. सदर अस्पताल में 27 नंवबर बिस्तर पर बैठा ये आदिवासी परिवार गोड्डा प्रखंड के पारसपानी निवासी सुमित बेसरा और उसकी पत्नी है .सुमित के गोद में उसके साढ़े 4 वर्षीय बेटे कृष्णा बेसरा का मृत शरीर है, जो इलाज के अभाव में दम तोड़ गया .सुमित की मानें तो उसके बेटे की तबीयत बिगड़ी लगभग दो तीन माह पहले तो यहां से इलाज करवाकर रांची के रिम्स लेकर गया था. मगर रिम्स ने ब्लड कैंसर बताकर दिल्ली एम्स ले जाने की सलाह दे डाली.
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दिल्ली एम्स में जाकर कुछ दिनों तक रहने के बाद जब वहां बेड नहीं मिला, तो थक हारकर वो वापस गोड्डा लौट आया. गोड्डा आकर वो अपने गांव नहीं जाकर सदर अस्पताल ही पहुंच गया. सुमित का कहना था कि कृष्णा को समय-समय पर ब्लड चढ़ाने की सलाह रिम्स के द्वारा ही दी गयी थी. दिल्ली से लौटने के बाद जब सदर अस्पताल आया, तो यहां भी दो दिन पूर्व एक यूनिट ब्लड चढ़ाया गया. मगर एक और यूनिट ब्लड की जरुरत थी. अब दसूरे यूनिट के लिए वो एक दिन पूरी तरह भटकता रहा, मगर ब्लड उपलब्ध नहीं होने की वजह से आज उसे ब्लड उपलब्ध हो पाया.
मगर तब तक विलंब हो गया और सुमित के बेटे कृष्णा की मौत हो गयी. सुमित के अनुसार उन्होंने विधायक अमित मंडल और पूर्व विधायक संजय यादव से भी मदद की गुहार लगाई थी. एक ने फोन नहीं उठाया, तो दूसरे ने दिल्ली जाकर फोन करने की बात कही. सुमित ने बताया कि इस प्रकरण में दो से तीन माह में उसने तीन लाख के करीब खर्च किया और अब असमर्थ हो गया था. सोचा था कि कुछ मदद मिल जाता तो दोबारा बेटे को लेकर एम्स जाते, मगर ऐसा हो नहीं सका.
इधर ब्लड बैंक के इंचार्ज ने बताया कि एक दिन पहले ही एक यूनिट ब्लड दिया गया था. मगर रक्त अधिकोष में ब्लड उपलब्ध नहीं होने की वजह से आज उपलब्ध करवाया जा सका. बच्चे की स्थिति भी नाजुक थी, इसलिए वो सर्वाइव नहीं कर पाया.
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