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CM हेमंत सोरेन ने राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों का किया शुभारंभ, कही ये बड़ी बातें

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने आज राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों का शुभारंभ किया.

Updated on: 02 May 2023, 06:27 PM

highlights

  • 80 उत्कृष्ट विद्यालयों का सीएम हेमंत सोरेन ने किया शुभारंभ
  • सभी विद्यालय को CBSE से मान्यता प्राप्त है
  • इन विद्यालयों में इंग्लिश मीडियम में होगी पढ़ाई
  • सीएम ने छात्रों को किया सम्मानित

Ranchi:

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने आज राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों का शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री कार्यालय झारखंड द्वारा जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने  राज्य भर में जिला स्तरीय 80 उत्कृष्ट विद्यालय का शुभारंभ किया. सभी विद्यालय को CBSE से मान्यता प्राप्त है, जहां अंग्रेजी माध्यम में बच्चे पढ़ाई करेंगे. उसके बाद सीएम हेमंत सोरेन ने उत्कृष्ट विद्यालय में तब्दील रांची के धुर्वा स्थित ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव उच्च विद्यालय का निरीक्षण किया. इस मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने  अपने संबोधन में कहा, '80 उत्कृष्ट विद्यालयों के उद्घाटन समारोह में शामिल सभी लोगों को शुभकामनाएं और जोहार. आज शिक्षा की दिशा में सरकार ने महत्वाकांक्षी कदम उठाया है. सरकार का यह कदम पंचायत तक जानी है. इसमें सबसे अहम भूमिका शिक्षा विभाग और शिक्षकों का होगा.'

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अपने संबोधन में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा, 'झारखण्ड के इतिहास में पहली बार स्कूली शिक्षा जगत में नई शुरुआत हुई है. आज राज्य भर में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों के उद्घाटन समारोह में शामिल सभी बच्चों, पदाधिकारियों एवं अन्य लोगों को अनेक-अनेक बधाई, शुभकामनाएं और जोहार. राज्य के नौनिहालों के लिए शिक्षा की दिशा में सरकार ने यह महत्त्वाकांक्षी कदम उठाया है और हमारा यह कदम राज्य के प्रत्येक पंचायत तक जाएगा.'

सीएम हेमंत सोरेन ने आगे कहा, 'बच्चे ड्रॉपआउट ना हो इसके लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का संचालन हो रहा है. एकलव्य प्रशिक्षण योजना, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन शिक्षा योजना, गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना सरकार लाई है. ताकि बच्चों की शिक्षा में पैसा बाधा ना बने.'

 

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सीएम हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में आगे कहा कि मैं समय-समय पर इन स्कूलों में राह चलते आ सकता हूं और निरीक्षण कर सकता हूं. इसलिए इन बातों को गंभीरता से लेते हुए बच्चों का बेहतर भविष्य बनाएं. आप बच्चे भी अपने शिक्षकों का मान सम्मान बढ़ाने के लिए आगे आएं.'

 

पहले ही हो जाना था शिक्षा की बेहतरी का काम

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आज विशेष रूप से शिक्षा की दिशा में सरकार ने महत्त्वाकांक्षी कदम उठाया है और यह कदम सरकार की पंचायत तक जानी है. इसमें सबसे अहम भूमिका शिक्षा विभाग और शिक्षकों का होगा. उन्होंने आगे कहा कि आप सभी को ज्ञात है कि इन 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में जो प्रधानाध्यापक हैं. इन सभी प्रधानाध्यापकों का प्रशिक्षण में आईआईएम में कराया गया है. राज्य गरीब, आदिवासी, दलित, पिछड़े और मजदूर के बच्चों को हम कैसे बेहतर शिक्षा उपलब्ध करा सके. ताकि राज्य में जो वर्षों से चली आ रही पिछड़ेपन की समस्या को खत्म करें. शिक्षा के माध्यम से हर चीज हासिल की जा सकती है. झारखण्ड में शिक्षा की बेहतरी के लिए कार्य सबसे पहले होना चाहिए था. शिक्षा के क्षेत्र में प्राथमिकता के आधार पर कार्य करना चाहिए था, जो बहुत विलंब से शुरू हो रहा है.

जगन्नाथ महतो को किया याद

सीएम ने आगे कहा कि आज हम मात्र 4 से 5 हजार स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय में तब्दील करने की बात करते हैं, जबकि झारखंड में 35000 से अधिक स्कूल हैं. उन स्कूलों में जिस तरह से वर्षों से पढ़ाई की स्थिति बनी रही. यह कहीं ना कहीं आने वाले समय में राज्य के लिए चिंता का विषय होगा. हमने शिक्षा के क्षेत्र में नया आयाम जोड़ने की कोशिश की है. पारा शिक्षकों की समस्याओं का समाधान हुआ. आज प्रतियोगिता का दौर है. उसके लिए यहां के बच्चे को भी बेहतर शिक्षा देना अत्यंत आवश्यक है. हम आज नमन करते हैं. अपने तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ महतो जी को जो अब हमारे बीच नहीं हैं. उनका भी शिक्षा की बेहतरी को लेकर निरंतर प्रयास रहा है.

मई 2023 में 25,000 शिक्षकों की होगी नियुक्ति

उन्होंने कहा कि आज पहले चरण में 80 उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में उद्घाटन हुआ है. लेकिन मुझे जो जानकारी मिली है अभी भी कई स्कूल हैं, जहां कुछ कार्य बाकी है. विभाग उन कार्यों को निश्चित रूप से समय अवधि के अंदर पूर्ण करें. अब यह कदम आगे बढ़ चुका है. यह रुक ना पाए. इसके लिए हर संभव प्रयास शिक्षा विभाग करें. ताकि राज्य के बच्चों को बदलते समय के अनुरूप शिक्षा देकर उन्हें दुनिया के समक्ष खड़ा किया जा सके. शिक्षकों की कमी है. यह हमें भी ज्ञात है. कई अड़चनें, कई बाधाओं की वजह से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई. लेकिन इस समस्या का समाधान निकाला जा चुका है. इस माह के अंत तक में लगभग 25000 की संख्या में शिक्षकों की बहाली होनी है. जो इन स्कूलों में पदस्थापित होकर बच्चों को शिक्षा देंगे.

...अभी कई मंजिल करनी है पार


सीएम ने आगे कहा कि स्कूलों के संचालन के लिए स्कूल के अंदर एक प्रबंधन समिति है. उन सभी से आग्रह होगा कि वे  लोग भी उत्कृष्ट विद्यालयों में बेहतर शिक्षा के लिए अहम भूमिका निभाएं, ताकि स्कूलों का संचालन बेहतर ढंग से किया जा सके. सरकार आधारभूत संरचना, किताबें, कपड़े, व्यवस्थाएं, शिक्षक दे सकती है. प्रबंधन समिति सुनिश्चित करें कि स्कूल संसाधनों के साथ बेहतर शिक्षा उन स्कूलों मिल रही है या नहीं. जो स्कूल बेहतर प्रदर्शन करेगा. समय-समय पर उसका आकलन कर उस विद्यालय के बच्चों और शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाएगा. आज 80 स्कूलों पर कार्य शुरू है लेकिन अभी कई मंजिल पार करनी है. हम गरीबों को बेहतर शिक्षा देने की बात करते हैं. आदिवासी, दलित, पिछड़ों को अच्छी शिक्षा देने की बात करते हैं. लेकिन जो दो कमरों में शिक्षा देने की व्यवस्था पूर्व से चली आ रही है. वह कहीं ना कहीं इन लोगों के प्रति मजाक उड़ाने जैसा है. आज उससे अलग हटकर सरकार ने बेहतर शिक्षा के लिए उत्कृष्ट विद्यालयों को निजी स्कूलों के तर्ज पर विकसित किया है.

बच्चों का सारा खर्च उठाएगी सरकार

उन्होंने कहा कि शिक्षा को लेकर सरकार कार्य कर रही है. बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दिया जा रहा है. बच्चे ड्रॉपआउट ना हो इसके लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का संचालन किया जा रहा है, इसके साथ साथ एकलव्य प्रशिक्षण योजना, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन शिक्षा योजना, गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को लेकर सरकार आई है. बच्चों को पैसे को लेकर शिक्षा में दिक्कत ना हो. इसलिए यह योजनाएं सरकार लेकर आई है. सरकारी स्कूल जैसे मानदेय निजी स्कूलों के शिक्षकों को प्राप्त नहीं होता है, इसलिए निजी स्कूल के शिक्षकों से कुछ सीखने की जरूरत है. शिक्षा विभाग मिले सुझाव को ध्यान में रखे.  स्कूल से निकलने के बाद इंजीनियर, डॉक्टर, वकील जज, बनने की इच्छा रखने वाले बच्चों का सरकार सभी खर्च उठाएगी. आप पढ़ाई नहीं छोड़े. सरकार आपको सभी व्यवस्थाएं दे रही है. प्रतियोगिता कोचिंग हेतु सहायता राशि भी सरकार देगी. उन्होंने कहा कि मैं समय-समय पर इन स्कूलों में राह चलते आ सकता हूं और निरीक्षण कर सकता हूं. इसलिए इसलिए इन बातों को गंभीरता से लेते हुए. बच्चों का बेहतर भविष्य बनाएं. आप बच्चे भी अपने शिक्षकों का मान सम्मान बढ़ाने के लिए आगे बढ़े.