RIMS के लिफ्ट में फंसे रहने से मासूम की मौत, शव के लिए नहीं मिली ट्राली!
रिम्स की अव्यवस्था ने बिहार के गया निवासी 12 वर्षीय मासूम आदित्य की जान ले ली.
highlights
. रिम्स के अव्यवस्थाओं की वजह से मासूम की मौत
. शव ले जाने के लिए ट्राली भी नहीं मिल पाई
. परिजन शव को गोद में लेकर चौथी मंजिल से उतरे नीचे
Ranchi:
रांची का रिम्स अस्पताल इन दिनों 'बीमार' चल रहा है. जी हां! आपको सुनकर अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन सच्चाई यही है. यहां ना तो मरीजों का इलाज ठीक से किया जाता है और ना ही शव को ले जाने के लिए ट्राली की व्यवस्था की जाती है. इतना ही नहीं अस्पताल का लिफ्ट भी खराब पड़ा रहता है. रिम्स की अव्यवस्था ने बिहार के गया निवासी 12 वर्षीय मासूम आदित्य की जान ले ली.
आदित्य को किडनी की समस्या थी और रिम्स में डायलिसिस में लंबा समय लगता देख परिजन उसे निजी अस्पातल ले जाने लगे. चौथे फ्लोर से ग्राउंड फ्लोर पर आने के लिए आदित्य के परिजनों ने लिफ्ट का सहारा लिया लेकिन बिजली चली जाने की वजह से लिफ्ट बीच में ही अटक गई और आदित्य की लिफ्ट में ही मौत हो गई.
एक तरफ आदित्य की मौत से परिजन परेशान थे तो दूसरी तरफ आदित्य के शव को ले जाने के लिए उन्हें ट्राली तक नहीं मिली. नतीजन परिजन आदित्य के शव को गोद में लेकर चौथी मंजिल से ग्राउंड फ्लोर पर आए. इतना ही नहीं आदित्य के परिजनों ने रिम्स प्रबंधन पर ये भी आरोप लगाया है कि वो शव को ले जाने के लिए ट्राली की डिमांड करते रहे लेकिन उनकी किसी ने बात नहीं सुनी. मजबूर होकर शव को गोद में उठाकर ले जाना पड़ा.
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आईसीयू में नहीं खाली था बिस्तर
परिजनों के मुताबिक, वो आदित्य को लेकर शनिवार सुबह 6:40 बजे रिम्स पहुंचे थे. आदित्य को वेंटिलेटर के साथ-साथ ICU की भी सख्त जरूरत थी लेकिन कोई बिस्तर खाली नहीं था. उसे पीडियाट्रिक्स ICU में एक बिस्तर पर रखा गया. बिस्तर पर पहले से ही एक डेंगू पीड़ित बच्चे का इलाज चल रहा था. डॉक्टरों ने परिजनों से आदित्य की डायलिसिस कराने की सलाह दी.
परिजनों के मुताबिक, नये ट्रॉमा सेंटर में आदित्य के डायलिसिस के लिए सुबह 11 बजे का समय दिया गया. परिजनों के मुताबिक, डॉक्टरों ने कहा कि रिम्स में डायलिसिस के लिए 10-12 घंटे का इंतजार करना होगा और उन्हें बच्चे को किसी निजी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी. परिजन आदित्य को लेकर लिफ्ट के जरिए नीचे उतर रहे थे कि बिजली चली गई और लिफ्ट फंस जाने की वजह से बच्चे की इलाज में देरी हुई और उसकी मौत हो गई.
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आदित्य के शव को उसी बेड पर रख दिया गया था जिसपर डेंगू पीड़ित बच्चे का इलाज हो रहा था. लगभग 2 घंटे तक आदित्य का शव बेड पर पड़ा रहा और उसकी मां उसे सीने से चिपकाए रही.
बीजेपी ने मांगा स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा
इस घटना पर बीजेपी ने सूबे की हेमंत सरकार पर करारा हमला बोला है. बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से इस्तीफे तक की मांग कर डाली. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि राज्य की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था आईसीयू में जा चुकी है. साथ ही बीजेपी ने दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है.
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