कांग्रेस नेता राहुल गांधी अक्सर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर अडाणी ग्रुप पर निशाना साधते रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरोपों की जांच के लिए समिति भी बनाई गई लेकिन अब समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कर दिया है कि जो भी आरोप अडाणी ग्रुप पर लगाए गए हैं वह गलत हैं. समिति के मुताबिक, जांच के दौरान अडाणी ग्रुप के खिलाफ किसी भी प्रकार की किसी भी आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है. अब जांच समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जा चुका है और बीजेपी ने राहुल गांधी पर करारा हमला बोला है.
झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने राहुल गांधी पर करारा हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट किया, 'Adani Group पर लगे आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की बनाई समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जांच में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं मिली. भारत के मजबूत आर्थिक स्तंभों को कटघरे में खड़ा करने वाले और भारतीय उद्योगपतियों को विदेशी शक्तियों की शह पर कमजोर करने वाले श्री राहुल गांधी की फिर एक बार "सुप्रीम धुलाई" हुई है. कम से कम अब वह सबक लें और भारत को बदनाम करना बंद करें. #AdaniGetsCleanChit'
जयराम रमेश ने एक्सपर्ट कमिटी पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि कांग्रेस यह लगातार कहती आ रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है उसका दायरा बेहद सीमित है और वह मोदानी घोटाले के सारे पहलुओं को सामने लाने में असमर्थ (और शायद अनिच्छुक भी) होगी. फिर भी इस मामले पर 5 पॉइंट्स में हमारी टिप्पणी :
1. मोदी सरकार के दावों के विपरीत, कमेटी ने कहा है कि सेबी की ओर से मिले आंकड़ों और स्पष्टीकरणों को ध्यान में रखते हुए अभी निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है, जिससे लाभ प्राप्त करने वाले को बचने में सुविधा मिलती है.
2. अडानी समूह द्वारा सेबी कानूनों के उल्लंघन के संबंध में समिति किसी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने में असमर्थ है.
3. चूंकि उसके पास जो जानकारी है उसके आधार पर कोई स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है, इसलिए समिति का कहना है कि सेबी द्वारा कोई नियामक विफलता नहीं हुई है.
4. अंत में हम पेज नंबर 106 और पेज नंबर 144 से इन दो हिस्सों को हाइलाइट करना चाहते हैं, जो JPC की मांग को मजबूत करते हैं.
(क) "सेबी ख़ुद को ही विश्वास दिलाने में असमर्थ है कि FPIs फंड में योगदान देने वाले अडानी से जुड़े नहीं हैं" - जो हमें कम से कम ₹20,000 करोड़ के बहुत ही बड़े फंड के सवाल पर वापस लाता है.
(ख) "जब शेयरों की कीमतें 1031 रुपए से 3859 रुपए पहुंच गई थी तब एलआईसी 4.8 करोड़ शेयरों की खरीद के साथ अडानी सिक्योरिटीज़ का सबसे बड़ा खरीदार था." इससे सवाल उठता है कि एलआईसी किसके हित में काम कर रही थी.
5. हम कमेटी के सदस्यों की प्रतिष्ठा को देखते हुए इसकी रिपोर्ट पर और कुछ नहीं कहना चाहते हैं, सिवाय इसके कि इसके निष्कर्ष का पहले से ही अनुमान था. साथ ही अडानी समूह को क्लीन चिट देने के लिए तमाम तरह की सीमाओं से बंधी इस कमेटी की रिपोर्ट को तोड़-मरोड़ कर पेश करना पूरी तरह से बकवास है.
राहुल गांधी उठाते रहे हैं सवाल
बताते चलें कि राहुल गांधी अक्सर आरोप लगाते रहे हैं कि 20 हजार करोड़ रुपए की मदद केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अदाणी ग्रुप को अप्रत्यक्ष रूप से पहुंचाया गया है. सोशल मीडिया और खासर ट्विटर पर राहुल गांधी लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं. अपने पूर्व के ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा था, 'गैस: 168% चावल: 133% उड़द दाल: 168% कुकिंग ऑयल: 250% महंगा 'Trouble Engine' ने सबकी जेब काटी, 40% कमीशन से पूरे कर्नाटक को लूटा. भाजपा की महंगाई और चोरी वाली सरकार जाएगी. 5 गारंटी वाली कांग्रेस सरकार ही आएगी.' एक अन्य ट्वीट में राहुल ने लिखा, 'LIC का मार्केट कैपिटलाइजेशन, मई 2022: ₹5.48 लाख करोड़, मई 2023: ₹3.59 लाख करोड़, गिरावट: 35%, साहेब का बस एक ही फोकस - सेठ (अडाणी) को कैसे बचाएं! चाहे जनता की मेहनत की कमाई लुट जाए, या शेयर धारकों का निवेश डूब जाए!'
HIGHLIGHTS
- बाबूलाल मरांडी ने राहुल गांधी को लेकर बोला हमला
- अडाणी ग्रुप को क्लीन चिट मिलने पर कसा तंज
- कहा-'सुप्रीम धुलाई' से सबक लें राहुल गांधी
Source : News State Bihar Jharkhand