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Baba ramdev and Pradeep Mishra Deaghar
Deoghar News: 19 नवंबर, बुधवार को देवघर में आयोजित महाशिवपुराण कथा के छठे दिवस पर स्वामी रामदेव ने पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ कथा का आयोजन किया था. यह एक अद्भुत और दिव्य अवसर था. इस अवसर पर बाबा रामदेव ने न केवल धार्मिक अनुशासन का पालन किया, बल्कि यहां मौजूद भक्तों के बीच भक्ति और श्रद्धा का अद्वितीय संगम भी देखने को मिला. स्वामी रामदेव का मनसा-वाचा-कर्मणा संकल्प भी लिया, जिन्हें हर-हर महादेव ने स्वीकार किया. इस अद्भुत नजारे ने कथा को और भी पवित्र बना दिया था.
पतंजलि परिवार ने दी सेवाएं
स्वामी रामदेव के नेतृत्व में पतंजलि परिवार ने इस कार्यक्रम स्थल पर सेवा कार्यों में अपना योगदान भी दिया. बाबा बैद्यनाथ के अभिषेक के बाद, रामदेव ने सभी भक्तों को भक्ति और अनुशासन की महत्वता बताई. इस आयोजन में लाखों भक्तों की उपस्थिति ने देवघर की पावन भूमि को और पावन बना दिया था. स्वामी रामदेव ने इस कथा में भाग लेने वाले सभी लोगों की भावनाओं को समझा और उन्हें शिव के प्रति अटूट श्रद्धा और विश्वास रखने की प्रेरणा भी दी.
8 ज्योतिर्लिंगों में होगी महाशिवपुराण कथा
स्वामी रामदेव ने इस कार्यक्रम में यह घोषणा भी की कि शेष 8 ज्योतिर्लिंगों में महाशिवपुराण कथा का आयोजन पतंजलि योगपीठ और श्री विट्ठलेश सेवा समिति के सहयोग से होगा. इस ऐलान के बाद भक्तों ने 'हर-हर महादेव' के नारे भी लगाए. ये आठ ज्योतिर्लिंग हैं- श्री त्र्यंबकेश्वर, श्री घृष्णेश्वर, श्री भीमाशंकर, श्री सोमनाथ, श्री नागेश्वर, श्री रामेश्वरम, श्री केदारनाथ और श्री मल्लिकार्जुन.
राजनेताओं की मौजूदगी से बढ़ी कथा की शोभा
इस आयोजन में राजनीति से जुड़ी महत्वपूर्ण हस्तियों ने भी भाग लिया. देवघर एयरपोर्ट पर पहुंचे गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने स्वामी रामदेव का अभिनंदन किया और उनका आभार व्यक्त करते हुए स्वागत किया. उन्होंने इस दौरान बोला कि बाबा रामदेव के बिना यह कार्य संभव नहीं था और उनके प्रयासों को सरकार के विकास कार्यों से जोड़ते हुए बाबा का आशीर्वाद लिया.
सांसद बोलें 'अगर वे बाबा का स्वागत नहीं कर पाते तो सारी जिंदगी अफसोस में रहते. इसलिए 300 किमी की परिक्रमा लगाकर तेज गति से खुद गाड़ी चलाकर मैं उनका स्वागत करने आया'.
भक्तों में शिव भक्ति की नई लहर
देवघर में महाशिवपुराण कथा का आयोजन सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं था बल्कि यह एक महान सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजन भी था, जिसमें स्वामी रामदेव का योगदान अनमोल माना जा रहा है. इस आयोजन ने पूरे इलाके में शिव-भक्ति की एक नई लहर पैदा की और भक्तों के दिलों में शिव की शक्ति और कृपा का बोध कराया.
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