3 साल की अमृत जलापूर्ति योजना 4 साल में भी नहीं हुई पूरी, जानिए क्यों अटका पड़ा है काम

395 करोड़ की वृहद शहरी जलापूर्ति योजना का काम जिंदल एसएमपीएल ज्वाइंट वेंचर द्वारा किया जा रहा है. जिसकी शुरूआत दिसंबर 2018 में हुई थी. जिसे 36 महीने यानी 2021 में पूरा कर दिया जाना था, लेकिन चार साल पूरे हो जाने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो सका है

395 करोड़ की वृहद शहरी जलापूर्ति योजना का काम जिंदल एसएमपीएल ज्वाइंट वेंचर द्वारा किया जा रहा है. जिसकी शुरूआत दिसंबर 2018 में हुई थी. जिसे 36 महीने यानी 2021 में पूरा कर दिया जाना था, लेकिन चार साल पूरे हो जाने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो सका है

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Rashmi Rani
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नहीं पूरा हो सका है काम( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

सरायकेला जिला के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में 395 करोड़ की वृहद शहरी जलापूर्ति योजना का काम जिंदल एसएमपीएल ज्वाइंट वेंचर द्वारा किया जा रहा है. जिसकी शुरूआत दिसंबर 2018 में हुई थी. जिसे 36 महीने यानी 2021 में पूरा कर दिया जाना था, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि चार साल पूरे हो जाने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो सका है, जिसका खामियाजा आदित्यपुर की करोड़ों जनता झेल रही है. सड़क पर जगह जगह गढ़े हो चुके हैं लेकिन देखने वाला कोई भी नहीं है. 

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अब तक आधा काम भी नहीं हो सका है पूरा 

यदि इस योजना पर नजर डाली जाये तो इस योजना के तहत कुल 480 किमी पाइप लाइन बिछायी जानी थी, जिसमें अभी तक मात्र 390 किमी पाइप बिछाया गया है, 11 टंकी बनायी जानी है जिसमें से मात्र दो टंकी का कार्य करीब पूरा हुआ है. वर्तमान समय में योजना के बारे में कहा जाये तो अभी तक आधा कार्य भी पूरा नहीं हो सका है.

कई वार्ड के लोगों को झेलनी पड़ रही है परेशानी 

सुस्त अधिकारियों और एजेंसी की लापरवाही का खामियाजा कई वार्ड के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. एजेंसी ने सभी जगहों पर पाइप बिछाने के लिए गड्ढे खोदे थे. जिसे आज भी कई वार्डों में सही ढंग से दुरूस्त नहीं किया गया है. जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर औद्योगिक क्षेत्र की कई सड़कों को उद्यमियों ने अपने प्रयास से मरम्मत करवाने का निर्णय लिया है. वहीं, आदित्यपुर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त ने अपने आप को मीटिंग में व्यस्त रहने की दुहाई दी है. उन्होंने कहा है कि पूरे मामले को लेकर हम मीटिंग कर रहे हैं और बहुत जल्द इस पर निर्णय लिया जाएगा.

वन विभाग के कारण अटका पड़ा है काम 

इस पूरे मामले में यदि देखा जाये तो पूरी तरह से वन विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिये जाने के कारण ही काम अटका हुआ है. वन विभाग के कारण सापड़ा में बनने वाले 60 एमएलडी व सीतारामपुर में 30 एमएलडी का ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य शुरू नहीं हो सका है. यदि इसे एनओसी मिल जाता है तो उसके निर्माण में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा. वहीं, उन्होंने बिना गांव बसे वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए एक फरमान जारी किया है और कहा है की पानी का कनेक्शन उसी को दिया जायेगा, जो होल्डिंग टैक्स दाता हैं. इसके अलावा किसी को भी कनेक्शन नहीं दिया जायेगा. साथ ही वैसे कनेक्शन भी काटे जायेंगे, जो होल्डिंग टैक्स का भुगतान नहीं कर रहे हैं.

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ना जाने कब मिलगा लोगों को जलापूर्ति योजना का लाभ 

निगम क्षेत्र का एक ऐसा वार्ड जहां आज भी लोग बोरिंग या टैंकर के पानी पर निर्भर हैं. इस वार्ड को कई दशक पूर्व बसा तो दिया गया, लेकिन यहां के लोग आज भी पाइप लाइन की जलापूर्ति से वंचित हैं. इसलिए इस वार्ड के लोग जलापूर्ति योजना का लाभ शीघ्र लेने के लिए टकटकी लगाये बैठे हैं.

रिपोर्ट - विरेन्द्र मंडल 

HIGHLIGHTS

  • चार साल के बाद भी नहीं पूरा हो सका है काम
  • 2021 में ही अमृत जलापूर्ति योजना का पूरा होना था काम  
  • कई वार्ड के लोगों को झेलनी पड़ रही है परेशानी 
  • वन विभाग के कारण अब तक अटका पड़ा है काम 

Source : News State Bihar Jharkhand

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