झारखंड बोर्ड का साइंस पेपर लीक: सिस्टम की बड़ी चूक या संगठित साजिश?

झारखंड बोर्ड की 10वीं क्लास का साइंस परीक्षा का पेपर लीक हो गया, जिससे पूरे राज्य में परीक्षा रद्द करनी पड़ी. जानिए कैसे हुआ खुलासा और क्या होगा अब?

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Gaurav Prabhakar
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Photograph: (Social Media)

झारखंड में एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं. जैक बोर्ड की 10वीं की परीक्षा के दौरान विज्ञान सैद्धांतिक का पेपर लीक हो गया, जिससे पूरे राज्य में हलचल मच गई. यह घटना कोडरमा से सामने आई है, जहां दो दिन पहले ही यह पेपर लीक हो गया था. अब सवाल उठता है कि यह सिस्टम की नाकामी है या किसी संगठित गिरोह की गहरी साजिश?

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झारखंड बोर्ड की 10वीं क्लास का साइंस परीक्षा का पेपर लीक Photograph: (Social Media)

 

कैसे हुआ खुलासा?

रविवार को परीक्षा के बाद जब असली प्रश्नपत्र से तुलना की गई तो जो प्रश्न छात्रों के पास पहले से थे, वही असली पेपर में भी थे. इससे साफ हो गया कि पेपर लीक की खबर झूठी नहीं थी. कोडरमा के कुछ छात्रों ने इस बात की पुष्टि की कि उन्हें पेपर परीक्षा से पहले ही मिल गया था.

पेपर लीक का बाजार – 350 रुपये में बिक रहा था प्रश्नपत्र

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क्यूआर कोड से पेमेंट लेकर भेजे जा रहे थे पेपर Photograph: (Social Media)

 

जानकारी के मुताबिक, यह पेपर वाट्सएप ग्रुप के जरिए बेचा जा रहा था. छात्रों से 350 रुपये लिए जा रहे थे, और एक क्यूआर कोड भी वायरल हुआ जिसमें लिखा था कि ‘जैक बोर्ड का ऑरिजिनल पेपर चाहिए तो 350 रुपये भेजिए’. यह साफ इशारा करता है कि यह कोई छोटी घटना नहीं है, बल्कि एक बड़े स्तर पर खेल खेला जा रहा था.

बोर्ड की कार्रवाई – परीक्षा रद्द, प्रशासन हरकत में

पेपर लीक की पुष्टि होते ही जैक बोर्ड ने पूरे राज्य में परीक्षा रद्द कर दी. अब पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. जैक अध्यक्ष ने बताया कि कोडरमा और गिरिडीह से पेपर वायरल हुआ था, और जिला प्रशासन से जवाब मांगा जाएगा. वहीं, डीईओ अविनाश राम ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी.

व्हाट्सएप ग्रुप और लिंक – नया तरीका अपनाया गया?

इस बार व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए छात्रों को जोड़ा जा रहा था. एक लिंक शेयर किया जा रहा था, जिसे क्लिक करते ही छात्र इस ग्रुप का हिस्सा बन जाते थे. इसके बाद क्यूआर कोड से पेमेंट लेकर पेपर भेजे जा रहे थे. यह नया तरीका प्रशासन के लिए भी चौंकाने वाला है और यह दर्शाता है कि पेपर लीक करने वाले हर बार अलग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं.

छात्रों और अभिभावकों में चिंता – कब सुधरेगी व्यवस्था?

इस घटना के बाद झारखंड के लाखों छात्र और उनके अभिभावक परेशान हैं. 10वीं की परीक्षा छात्रों के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है, और इस तरह की घटनाएं उनकी मेहनत पर पानी फेर देती हैं. अब सवाल उठता है कि क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और बोर्ड के पास कोई ठोस योजना है?

क्या होगा अब?

पहले 10वीं और 12वीं की परीक्षा 3 मार्च 2025 को खत्म होनी थी, लेकिन अब साइंस की परीक्षा रद्द होने से इसे आगे बढ़ाया जा सकता है. 7 लाख से ज्यादा छात्रों ने इस परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है, और अब वे नई तारीखों का इंतजार कर रहे हैं. जैक बोर्ड जल्द ही नई परीक्षा तिथि की घोषणा करेगा.

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