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SI recruitment scam : सीबीआई ने J&K बीएसएफ कमांडेंट को गिरफ्तार किया

सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर 3 अगस्त को मामला दर्ज किया था. तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी, बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय, पलौरा, तत्कालीन सदस्य, जेकेएसएसबी, तत्कालीन अवर सचिव, तत्कालीन अनुभाग अधिकारी (जेकेएसएसबी के दोनों), सीआरपीएफ के पूर्व अधिकारी, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एएसआई, अखनूर में एक कोचिंग सेंटर के मालिक, बेंगलुरु की निजी कंपनी, निजी व्यक्ति और अज्ञात लोग उसमें शामिल थे.

Updated on: 19 Oct 2022, 06:18 PM

नई दिल्ली:

सीबीआई ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले के सिलसिले में एक बीएसएफ कमांडेंट को गिरफ्तार किया है. उनकी गिरफ्तारी के बाद, डॉ करनैल सिंह को सीजेएम, जम्मू (जम्मू-कश्मीर) के सामने पेश किया गया. मामला मार्च में जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) द्वारा आयोजित जम्मू-कश्मीर पुलिस में उप-निरीक्षकों के पदों के लिए लिखित परीक्षा में अनियमितताओं से संबंधित है.

सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर 3 अगस्त को मामला दर्ज किया था. तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी, बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय, पलौरा, तत्कालीन सदस्य, जेकेएसएसबी, तत्कालीन अवर सचिव, तत्कालीन अनुभाग अधिकारी (जेकेएसएसबी के दोनों), सीआरपीएफ के पूर्व अधिकारी, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एएसआई, अखनूर में एक कोचिंग सेंटर के मालिक, बेंगलुरु की निजी कंपनी, निजी व्यक्ति और अज्ञात लोग उसमें शामिल थे.

4 जून को परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद, परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप सामने आए. जम्मू-कश्मीर सरकार ने इसकी जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया था. यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने जेकेएसएसबी, बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी, लाभार्थी उम्मीदवारों और अन्य के अधिकारियों के साथ एक साजिश की और उप-निरीक्षकों के पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित करने में घोर अनियमितताएं कीं.

जम्मू, राजौरी और सांबा जिलों से चयनित उम्मीदवारों का असामान्य रूप से उच्च प्रतिशत था. जेकेएसएसबी द्वारा नियमों का उल्लंघन कथित रूप से बेंगलुरु स्थित एक निजी कंपनी को प्रश्न पत्र का कार्य सौंपने में पाया गया. इससे पहले 5 अगस्त को जम्मू, श्रीनगर, बेंगलुरु समेत 30 स्थानों पर आरोपियों के परिसरों पर छापेमारी की गई थी.

जांच में पता चला है कि इच्छुक उम्मीदवारों और उनके परिवारों द्वारा परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्न पत्र के लिए आरोपी को 20-30 लाख रुपये का कथित भुगतान किया गया था. इस संबंध में, हरियाणा में अधिवासित एक गिरोह, जम्मू-कश्मीर के कुछ शिक्षकों, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और जेकेएसएसबी के कुछ सेवारत/सेवानिवृत्त कर्मियों की संलिप्तता कथित रूप से सामने आई है. मामले में आगे की जांच जारी है.