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कश्मीरी पंडितों और शरणार्थियों के लिए मोदी सरकार का बड़ा दांव, उठाए ये कदम

वर्षों से न्‍याय की आस लिए कश्‍मीर पंडितों के लिए राहत भरी खबर है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आवास संबंधी नए नियम जारी किए हैं, जिससे गैर-पंजीकृत कश्मीरी प्रवासियों और विस्थापितों को फायदा होगा.

Updated on: 19 May 2020, 02:56 PM

दिल्ली:

वर्षों से न्‍याय की आस लिए कश्‍मीर पंडितों के लिए राहत भरी खबर है. जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) प्रशासन ने आवास संबंधी नए नियम जारी किए हैं, जिससे पश्चिम पाकिस्तान के लोगों, वाल्मिकियों, समुदाय के बाहर शादी करने वाली महिलाओं, गैर-पंजीकृत कश्मीरी प्रवासियों और विस्थापित लोगों को जल्द ही आवास संबंधी अधिकार प्राप्त हो जाएंगे. जम्मू-कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरी पंडितों के बच्चों को अब आवास का दावा करने का लंबे समय से अटका अधिकार प्राप्त हो जाएगा. बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) ने आवास संबंधी नए नियम की सराहना की है.

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भारतीय जनता पार्टी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने जम्मू-कश्मीर में निवास संबंधी नये नियमों को अधिसूचित किए जाने की सराहना करते हुए कहा, ये नये नियम सभी शरणार्थियों के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश से बाहर रह रहे कश्मीरी पंडितों को उनके ‘‘लंबित’’ अधिकार दिलाएगा. उन्होंने ट्विटर पर कहा, “आवास संबंधी नये नियमों का जम्मू-कश्मीर में अधिसूचित होना स्वागत योग्य कदम है. यह पश्चिम पाकिस्तान के लोगों समेत अन्य शरणार्थियों, दशकों से जम्मू-कश्मीर में बसे अनुसूचित जाति के कर्मी, सभी के लिए समानता एवं गरिमा होगी.’’

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भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आवास संबंधी नये नियमों को अब अधिसूचित कर दिया है. उन्होंने कहा, “अधिसूचित किए गए अधिवास संबंधी नये नियम अब जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी संबंधी पूर्व के नियमों को हटा देंगे जो कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के साथ ही रद्द हो गए थे. भारत इसकी लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहा था.”