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कश्मीर में बर्फबारी Photograph: (Social Media)
Kashmir Weather: कश्मीर में सर्दियों के सबसे कठोर 40 दिन, जिन्हें चिल्ला-ए-कलां कहा जाता है, की शुरुआत हो चुकी है. इस बार चिल्ला-ए-कलां का आगाज बर्फबारी के साथ हुआ है, जिससे पूरी कश्मीर घाटी की तस्वीर बदल गई है. लंबे समय से बर्फबारी के इंतजार में बैठे लोगों के लिए यह राहत भरी खबर है. पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक बर्फ और बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है.
Wonderland Gulmarg ☃️ on 22 Dec 2025. pic.twitter.com/AhnCC7c7Oe
— Kashmir Weather (@Kashmir_Weather) December 22, 2025
बता दें कि सोनमर्ग, गुलमर्ग, नीलग्राथ, गुरेज घाटी, तुलैल और बांदीपुरा जैसे इलाकों में बर्फबारी दर्ज की गई है. सोनमर्ग और गुलमर्ग में करीब दो इंच तक बर्फ गिर चुकी है और मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बर्फबारी की संभावना जताई है. लेह में भी इस सीजन की पहली बर्फबारी हुई है, जो ग्लेशियर और जल स्रोतों के लिए शुभ संकेत मानी जा रही है.
बर्फबारी के कारण जनजीवन हुआ प्रभावित
बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित भी हुआ है. बालटाल, मीनामार्ग और जोजिला में भारी बर्फबारी के कारण श्रीनगर-लेह हाईवे बंद कर दिया गया है. पीर की गली में बर्फ जमने से मुगल रोड पर यातायात रोकना पड़ा है. गुरेज-बांदीपुरा सड़क भी फिसलन के कारण बंद है.
मौसम विभाग की मानें तो चिल्ला-ए-कलां 21 दिसंबर से शुरू हो गई है जो 31 जनवरी तक चलेगी. इस दौरान तापमान काफी नीचे चला जाता है और कश्मीर पूरी तरह बर्फ की चादर में ढक जाता है. फारसी भाषा में चिल्ला-ए-कलां का अर्थ कड़ाके की ठंड होता है. इसके बाद 20 दिनों की चिल्लई खुर्द यानी हल्की ठंड का दौर आएगा.
कश्मीर में बर्फबारी बेहद जरूरी
बर्फबारी कश्मीर के लिए बेहद जरूरी है. यह न केवल विंटर टूरिज्म की जान है, बल्कि बागवानी, सेब और केसर की खेती, जल स्रोतों और ग्लेशियरों की सेहत के लिए भी अहम है. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो महीनों में कश्मीर में औसत से करीब 33 प्रतिशत कम बारिश और बर्फबारी हुई है. बांदीपुरा में यह कमी 71 प्रतिशत तक रही है. पिछले दो सालों से कम बर्फबारी चिंता का कारण बनी हुई थी.
अब चिल्ला-ए-कलां की शुरुआत के साथ लोगों को उम्मीद है कि इस बार बर्फबारी घाटी पर मेहरबान होगी और कश्मीर में अच्छे दिन लौटेंगे.
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