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कश्मीर में भारी बर्फबारी Photograph: (ANI)
Kashmir Weather Today: जम्मू-कश्मीर में सीजन की पहली बर्फबारी के साथ ही सर्दियों का सबसे कठोर दौर चिल्ला-ए-कलां शुरू हो गया है. रविवार (21 दिसंबर) रात से घाटी के कई ऊंचाई वाले इलाकों में जोरदार बर्फबारी हुई, जिससे हर तरफ सफेद चादर बिछ गई है. बारामूला घाटी, सिंथन टॉप, रजदान पास, साधना टॉप, जोजिला, सोनमर्ग और द्रास जैसे इलाकों में भारी हिमपात दर्ज किया गया है.
Fresh snowfall in Gulmarg. 2 inches accumulated. Snowfall continues. pic.twitter.com/bH6B72CVeG
— Kashmir Weather (@Kashmir_Weather) December 21, 2025
क्या होता है चिल्ला-ए-कलां?
20 दिसंबर से शुरू हुआ चिल्ला-ए-कलां कुल 40 दिनों तक चलेगा और 30 जनवरी तक रहेगा. इसे कश्मीर की सर्दियों का सबसे ठंडा और कठिन समय माना जाता है. इस दौरान तापमान कई जगहों पर शून्य से नीचे चला जाता है. नदियां, झीलें और जलस्रोत तक जमने लगते हैं. ठिठुरन इतनी बढ़ जाती है कि आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होता है.
#WATCH | Jammu and Kashmir | Sonamarg turns into a white wonderland as it witnesses a fresh spell of snow. pic.twitter.com/VVbOf8yyw4
— ANI (@ANI) December 21, 2025
IMD का भारी बर्फबारी का अलर्ट
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले 48 घंटों तक घाटी में भारी बर्फबारी की संभावना है. ऐसे में सड़क यातायात, बिजली और पानी की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. प्रशासन ने बर्फ हटाने वाली मशीनें तैनात कर दी हैं और आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी तेज कर दी गई है. लोगों ने भी लकड़ी, कोयला और गर्म कपड़ों की व्यवस्था कर ली है.
#GULMARG in #Baramulla district receives fresh light snowfall. #Kashmir#winter@tourismgoi@JandKTourism@diprjk
— KNS (@KNSKashmir) December 21, 2025
Watch 👇 Video, Report by #KNS Aqib Khan pic.twitter.com/G5bhJyVNI5
टूरिज्म इंडस्ट्री में खुशी का माहौल
हालांकि, बर्फबारी से टूरिज्म इंडस्ट्री में खुशी का माहौल है. लंबे समय से बर्फ का इंतजार कर रहे पर्यटकों के चेहरे खिल उठे हैं. होटल, हाउसबोट और टूर ऑपरेटर्स को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी.
Live visuals from GT,Road snow ❄️
— MUSSE GAREEB (@MusseGareeb_) December 21, 2025
Sunday, 21 December 2025 pic.twitter.com/GApCAxNJb9
आपको बता दें कि कश्मीर में ठंड के अलग-अलग चरण होते हैं. सबसे पहले चिल्ला-ए-कलां आता है, इसके बाद 20 दिनों का चिल्ला-ए-खुर्द होता है, जिसमें ठंड कम लेकिन असरदार रहती है. अंत में 10 दिनों का चिल्ला-ए-बच्चा आता है, जिसमें ठंड धीरे-धीरे कम होने लगती है. फिलहाल घाटी में ठंड का असली इम्तिहान शुरू हो चुका है.
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