जम्मू में ‘कश्मीर टाइम्स’ के दफ्तर पर छापा, हथियार के पार्ट्स मिलने से बवाल

जम्मू में SIA ने कश्मीर टाइम्स के ऑफिस पर छापा मारकर AK राइफल राउंड और ग्रेनेड लीवर बरामद किए. अखबार ने इसे आवाज दबाने की कोशिश बताया, जबकि NC और PDP ने कार्रवाई को मीडिया पर दबाव बनाने की रणनीति कहा.

जम्मू में SIA ने कश्मीर टाइम्स के ऑफिस पर छापा मारकर AK राइफल राउंड और ग्रेनेड लीवर बरामद किए. अखबार ने इसे आवाज दबाने की कोशिश बताया, जबकि NC और PDP ने कार्रवाई को मीडिया पर दबाव बनाने की रणनीति कहा.

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Ravi Prashant
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कश्मीर टाइम्स Photograph: (X)

जम्मू में न्यूज वेबसाइट कश्मीर टाइम्स के दफ्तर पर गुरुवार को राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने छापा मारा. अधिकारियों के अनुसार तलाशी के दौरान वहां से AK राइफल के राउंड, कारतूस, पिस्टल राउंड और तीन ग्रेनेड लीवर बरामद किए गए. एजेंसी का आरोप है कि यह मीडिया संस्थान देश की संप्रभुता के खिलाफ सामग्री प्रसारित कर रहा था.

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कुछ आर्टिकल्स देश विरोधी

तलाशी Residency रोड स्थित ऑफिस में की गई, जिसमें कंप्यूटरों से भी डाटा निकाला गया. अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर टाइम्स और इसके प्रमोटर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद खोजबीन की गई. एजेंसी का कहना है कि कुछ आर्टिकल्स राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा बताए गए हैं.

अखबार का श्रीनगर स्थित कार्यालय पहले ही अक्टूबर 2020 में प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया था. पुराने समय में यह अखबार जम्मू-कश्मीर का एक प्रमुख प्रकाशन रहा है. 1954 में पत्रकार वेद भासिन द्वारा शुरू किए गए कश्मीर टाइम्स ने 2021–22 के दौरान अपना प्रिंट वर्ज़न बंद कर दिया था, लेकिन ऑनलाइन ऑपरेशन जारी रखा. 

अखबार की प्रतिक्रिया क्या है? 

छापे के बाद कश्मीर टाइम्स ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि यह कदम उन्हें डराने की कोशिश है. बयान में दावा किया गया कि यह कार्रवाई इसलिए हो रही है क्योंकि संस्थान सत्ता से सवाल पूछने वाली पत्रकारिता करता है. बयान में कहा गया कि उन पर लगाए गए आरोप सिर्फ आवाज दबाने के इरादे से गढ़े जा रहे हैं.

राजनीतिक दलों ने जताई आपत्ति

छापे को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं. नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने इस कार्रवाई को मीडिया पर दबाव बनाने का तरीका बताया. जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी ने कहा कि कार्रवाई तभी होनी चाहिए जब कोई गलती साबित हो, सिर्फ दबाव बनाने के लिए नहीं. वहीं PDP की इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर टाइम्स लंबे समय से दबाव का सामना कर रहा है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि “क्या हर असहमत आवाज को देशविरोधी कह देना ही नया नियम है?”

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