श्री गुरु तेग बहादुर के 350वीं शहीदी शताब्दी पर श्रीनगर में आयोजित नगर कीर्तन में शामिल हुए केजरीवाल

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की 350वीं शहीदी शताब्दी के उपलक्ष्य में पंजाब सरकार की ओर से श्रीनगर में आयोजित भव्य नगर कीर्तन कार्यक्रम आध्यात्मिक एकता और श्रद्धा का प्रतीक बना.

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की 350वीं शहीदी शताब्दी के उपलक्ष्य में पंजाब सरकार की ओर से श्रीनगर में आयोजित भव्य नगर कीर्तन कार्यक्रम आध्यात्मिक एकता और श्रद्धा का प्रतीक बना.

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Dheeraj Sharma
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Arvind Kejriwal on teg bahadur

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की 350वीं शहीदी शताब्दी के उपलक्ष्य में पंजाब सरकार की ओर से श्रीनगर में आयोजित भव्य नगर कीर्तन कार्यक्रम आध्यात्मिक एकता और श्रद्धा का प्रतीक बना. इस पावन आयोजन में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान विशेष रूप से शामिल हुए. दोनों नेताओं ने श्रीनगर से निकलने वाले नगर कीर्तन जत्थे को आनंदपुर साहिब के लिए विदा किया. यह ऐतिहासिक जत्था 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब पहुंचेगा, जहां शहीदी दिवस अवसर पर कई महत्वपूर्ण धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं.

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विभिन्न राज्यों की सहभागिता: सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश

इस नगर कीर्तन में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी भाग लिया. उन्होंने गुरुद्वारे में पहुंचकर मत्था टेका और गुरु साहिब से आशीर्वाद प्राप्त किया. उनकी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को अंतर-राज्यीय सद्भाव और सामुदायिक एकता का अद्भुत उदाहरण बना दिया. धार्मिक और राजनीतिक सीमाओं से परे यह आयोजन गुरु साहिब के सार्वभौमिक संदेश को और भी गहरा करता है.

अरविंद केजरीवाल का संदेश: गुरु साहिब के आदर्शों को आगे बढ़ाने की अपील

कार्यक्रम के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस पवित्र आयोजन में शामिल होना उनके लिए किसी सौभाग्य से कम नहीं. उन्होंने बताया कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब का त्याग, बलिदान और मानवता के लिए दिया गया संदेश आज भी पूरी दुनिया को प्रेरित करता है. उन्होंने कहा कि गुरु साहिब का जीवन अन्याय और उत्पीड़न के ख़िलाफ खड़े होने की सीख देता है और यह दायित्व हमारी पीढ़ियों का है कि इस विरासत को आगे बढ़ाया जाए.

सोशल मीडिया पर साझा किए आध्यात्मिक अनुभव

केजरीवाल ने एक्स पर अपने अनुभव साझा करते हुए इस कार्यक्रम को एक “आध्यात्मिक यात्रा” बताया. उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि गुरु तेग बहादुर जी की शहीदी, साहस और मानवता का संदेश हर बच्चे तक पहुंचे. उनका आग्रह था कि शिक्षा और संस्कारों के माध्यम से यह प्रेरणा समाज में जीवित रहनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी निडरता और मानवता का पालन कर सकें.

आध्यात्मिक सौहार्द का यादगार आयोजन

श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी शताब्दी के अवसर पर आयोजित यह नगर कीर्तन केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और मानवीय मूल्यों के पुनर्स्मरण का अवसर बन गया। श्रीनगर से आनंदपुर साहिब तक की यह यात्रा गुरु साहिब के सार्वभौमिक संदेश त्याग, साहस और मानवता को नई ऊर्जा के साथ दुनिया तक पहुंचाने का माध्यम बनी है.

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