logo-image

Jammu-Kashmir: पहली इलेक्टोरल लिस्ट में वेस्ट पाकिस्तान के रिफ्यूजी को मिलेगा हक

Jammu Kashmir : इलेक्शन कमीशन द्वारा जम्मू कश्मीर में चल रहा इलेक्टोरल रोल का प्रोसेस गुरुवार को खत्म हो रहा है. इसके बाद इलेक्शन कमीशन शुक्रवार को इलेक्टोरल रोल की फाइनल लिस्ट जारी कर देगा.

Updated on: 24 Nov 2022, 04:29 PM

जम्मू:

Jammu Kashmir : इलेक्शन कमीशन द्वारा जम्मू कश्मीर में चल रहा इलेक्टोरल रोल का प्रोसेस गुरुवार को खत्म हो रहा है. इसके बाद इलेक्शन कमीशन शुक्रवार को इलेक्टोरल रोल की फाइनल लिस्ट जारी कर देगा. डीलिमिटेशन कमीशन की रिपोर्ट आने के बाद चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल रोल का प्रोसेस शुरू किया था, जिसके बाद जम्मू कश्मीर में पिछले 10 सालों से रहने वाले लोगों के साथ-साथ नए 18 साल की उम्र के वोटर और साथ ही वेस्ट पाकिस्तानी रिफ्यूजी एवं वाल्मीकि समाज के वोटरों को नई इलेक्टोरल सूची में दर्ज किया गया है. 

यह भी पढ़ें : Riccha Chaddha Tweet:भारतीय सेना पर ट्वीट करना ऋचा को पड़ा भारी, फिल्मेकर अशोक पंडित ने दर्ज कराई FIR

इलेक्टोरल रोल की प्रोसेस के दौरान जम्मू-कश्मीर के इलेक्शन कमिश्नर ने एक प्रेसवार्ता करके 20 लाख नए वोटरों की इलेक्टोरल लिस्ट में शामिल होने की बात कही थी. इस पर वहां राजनीतिक बवाल मच गया था. हालांकि, बाद में उन्होंने बयान को गलत तरीके से पेश करने की बात कही थी. इस मामले में इलेक्शन कमीशन ने एक ऑल पार्टी मीटिंग बुलाकर भी अपनी बात को साफ किया था, लेकिन विपक्षी दलों ने कहा था कि वो फाइनल लिस्ट आने के बाद ही इनकी बात पर यकीन करेंगे. ऐसे में कल का दिन काफी अहम माना जा रहा है, जब ये लिस्ट पब्लिक की जाएगी. 

वहीं, दूसरी तरफ वेस्ट पाक रिफ्यूजी और वाल्मीकि समाज के लोग इस लिस्ट के बनाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. पहला मौका है जब वो जम्मू कश्मीर में होने वाले किसी भी चुनाव में वोट डाल सकेंगे. अनुमान के मुताबिक, वेस्ट पाकिस्तान के करीब 1 लाख लोगों और वाल्मीकि समाज के करीब 10 से 15 हजार वोटर नई लिस्ट में शामिल होंगे. 

यह भी पढ़ें : IND vs NZ 1st ODI: धवन दिलाएंगे टीम इंडिया को सीरीज में जीत, ऐसी हो सकती है Playing 11

इसे लेकर बीजेपी ने साफ कहा है कि विपक्षी दलों द्वारा ये मुद्दा बेकार में उठाया गया था. नई वोटर लिस्ट में 7 से लाख वोटर शामिल होंगे, जो स्वाभाविक भी है. लिस्ट में खासतौर पर वो लोग हैं जिन्हें पहले की सरकारों ने वोटिंग तक का अधिकार नहीं दिया था.