सोनम वांकचुक के NGO लाइसेंस रद्द मामले में हो सकती है ED की एंट्री, विस्तार से पूरा मामला जानें

Sonam Wanchuk: सोनम वांगचुक के एनजीओ लाइसेंस रद्द मामले में ईडी की एंट्री हो सकती है. बता दें कि गृह मंत्रालय आज वांगचुक का FCRA रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर चुका है.

Sonam Wanchuk: सोनम वांगचुक के एनजीओ लाइसेंस रद्द मामले में ईडी की एंट्री हो सकती है. बता दें कि गृह मंत्रालय आज वांगचुक का FCRA रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर चुका है.

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Yashodhan.Sharma
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Sonam wangchuck Photograph: (Social)

Activist Sonam Wanchuk: लद्दाख में एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. अब वह नए विवादों में घिर गए हैं. सरकारी सूत्रों के अनुसार उनकी NGO और निजी संस्थानों में भारी वित्तीय गड़बड़ियां देखने को मिली हैं. उनके ऊपर आंदोलन की आड़ में कानून का उल्लंघन और विदेशी फंडिंग सहित निजी लाभ के लिए पैसों का गलत इस्तेमाल के आरोप हैं.

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सूत्रों की मानें तो वांगचुक की संस्था SECMOL और अन्य संगठनों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) जल्द ही FEMA के तहत जांच शुरू कर सकता है. गृह मंत्रालय ने आज वांगचुक का FCRA रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया, जो उनके खिलाफ उठाए गए गंभीर कदमों में से एक है.

आइए समझते हैं क्या हैं आरोप

1. हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL):

  • 2023-24 में 6 करोड़ रुपये का दान मिला, जो 2024-25 में बढ़कर 15 करोड़ रुपये से अधिक हो गया.
  • संस्था के 7 बैंक खातों में से 4 घोषित नहीं किए गए.
  • बिना FCRA पंजीकरण के ही 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी राशि मिली.
  • HIAL से 6.5 करोड़ रुपये निजी कंपनी शेष्योन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड में ट्रांसफर किए गए.

2. SECMOL:

इस संस्था के 9 बैंक खाते हैं, जिनमें से 6 का खुलासा नहीं किया गया.

3. शेष्योन इनोवेशंस प्राइवेट लिमिटेड:

  • वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का टर्नओवर 9.85 करोड़ रुपये रहा.
  • नेट प्रॉफिट मात्र 1.14% रहा, जबकि पिछले साल यह 6.13% था.
  • कंपनी के 3 बैंक खातों में से 2 छिपाए गए.
  • सरकारी सूत्रों का दावा है कि HIAL से बड़ी रकम इस निजी कंपनी में डाली गई.

4. सोनम वांगचुक (व्यक्तिगत):

  • उनके पास 9 व्यक्तिगत बैंक खाते हैं, जिनमें से 8 घोषित नहीं किए गए.
  • 2018 से 2024 तक 1.68 करोड़ रुपये की विदेशी राशि अलग-अलग खातों में आई.
  • 2021 से मार्च 2024 तक 2.3 करोड़ रुपये विदेश भेजे गए, जिनमें से कई ट्रांसफर अज्ञात संस्थाओं को हुए.
  • इन लेन-देन से मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका गहराई है.

5. CSR फंडिंग:

सार्वजनिक मंचों पर कॉरपोरेट जगत की आलोचना करने के बावजूद, उनकी संस्था ने कई बड़ी कंपनियों और सरकारी उपक्रमों से CSR फंडिंग ली. NGO खातों से निजी कंपनियों में भी बड़े पैमाने पर रकम ट्रांसफर हुई.

मुश्किलें बढ़ीं

इन खुलासों के बाद वांगचुक की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. सूत्रों का कहना है कि जल्द ही ED जांच शुरू कर सकती है. वहीं, सरकार ने साफ किया है कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, चाहे वे किसी भी हैसियत के हों.

यह भी पढ़ें: Leh Protest: सोनम वांगचुक की बढ़ी मुश्किलें, NGO का लाइसेंस किया रद्द, सामने आया ये कारण

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