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जम्मू में कृषि विभाग ने किसानों को दिया बड़ा तोहफा, मजदूरों के पलायन के बावजूद धान रोपने की राह हुई आसान

किसानों को फ़सल लगाने में किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए सरकारी कृषि विभाग ने बीज लगाने की छोटी और बड़ी मशीने किसानों को सब्सिडी दामों में देना शुरू कर दिया है.

Updated on: 04 Jun 2020, 07:06 PM

जम्मू:

जम्मू से प्रवासी मजदूरों के जाने के बाद किसानों को हो रही परेशानियों से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार (Jammu and kashmir Government) ने कमर कस ली है. किसानों को फ़सल लगाने में किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए सरकारी कृषि विभाग ने बीज लगाने की छोटी और बड़ी मशीने किसानों को सब्सिडी दामों में देना शुरू कर दिया है.

जिसके बाद किसानों ने इन मशीनों से अपनी फसले लगाना शुरू भी कर दिया है. अगर जम्मू (Jammu) की बात करें तो लॉकडाउन के बाद से अब तक 30 हज़ार से भी ज़्यादा प्रवासी मज़दूर अपने राज्य लौट गए. बाकी मजदूर लगातार घर वापसी के लिए तैयार बैठे हैं.

जम्मू के चावल पूरी दुनिया में मशहूर 

इनमें से ज़्यादातर मजदूर किसानों के खेतों में ही काम करते थे. जम्मू का बॉर्डर इलाकों में धान की खेती होती है. जिसका चावल दुनियाभर में मशहूर है. धान की रोपनी के लिए प्रवासी मजदूरों पर किसान निर्भर हैं. लेकिन उनके जाने से किसानों को परेशानी हो रही थी.

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तकनीक ने किसानों में जगाई नई उम्मीद 

लेकिन कृषि विभाग ने मशीन सब्सिडी के दाम पर देकर किसानों की बड़ी मदद की है. किसान इसे लेकर काफी उत्साहित हैं. जम्मू के सभी इलाकों में किसान सालों से परम्परागत खेती ही करते आ रहे है. ऐसे में कृषि विभाग ने नई तकनीक ला कर उन्हें एक नई उम्मीद की किरण दिखायी है.

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सब्सिडी पर 70 हजार की मशीन मिल रही 35 हजार में

ख़ास बात ये है कि जो मशीन किसान को बाज़ार से 70-75 हजार में खरीदनी पड़ती है वो अब कृषि विभाग 30 से 35 हजार में उपलब्ध करा रही है.