हिमाचल प्रदेश की बर्फीली पहाड़ियों को न केवल देखने बल्कि इन पर सैर के इरादे से आए सैकड़ों सैलानियों को मंगलवार को टैक्सी चालकों की एक दिन की हड़ताल से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इससे भी बड़ा झटका उन्हें यहां आने पर तब लगा जब उन्हें बताया गया कि वह बर्फीली पहाड़ियों से घिरे रोहतांग दर्रे तक जा नहीं सकते।
हिम-आंचल टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के अध्यक्ष राज कुमार डोगरा ने आईएएनएस से कहा कि स्थानीय प्रशासन ने पर्यटक वाहनों को रोहतांग दर्रा जाने से रोककर इसे गुलाबा नाम की जगह तक सीमित कर दिया है। इसके विरोध में करीब 2000 से ज्यादा टैक्सियां सड़कों पर नहीं उतरीं।
गुलाबा, रोहतांग दर्रे के रास्ते में है और मनाली से करीब 26 किलोमीटर दूर है।
डोगरा ने कहा कि बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) ने रोहतांग दर्रे को जाने वाले रास्ते से अप्रैल के अंतिम सप्ताह में बर्फ को हटा दिया था। प्रशासन ने भरोसा दिया था कि पर्यटक वाहनों को दर्रे के लिए मई के पहले सप्ताह में जाने की अनुमति दी जाएगी।
डोगरा ने कहा, 'तब से पर्यटकों को गुलाबा से आगे जाने की इजाजत नहीं है।' उन्होंने कहा कि यह बर्फ है जो पर्यटकों को इस मौसम में खींचकर मनाली तक लाती है।
डोगरा ने कहा, 'गुलाबा में पूरी बर्फ पिघल चुकी है। हम प्रशासन से आग्रह करते है कि पर्यटकों को मरही तक जाने दें जो गुलाबा से सिर्फ आठ किमी आगे है जिससे कि पर्यटक वहां बर्फ का आनंद ले सकें।'
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मनाली के ऑटो संचालकों और निजी मिनी बस ऑपरेटरों ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया। घरेलू और विदेशी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रमणीय रोहतांग दर्रा हिमालय के पीर पंजाल रेंज में स्थित हैं। यह मनाली से 52 किमी दूर है। यह मध्य जून तक बर्फ से ढका रहता है।
कोलकाता से आए अभिजीत चटर्जी ने कहा, 'हम कोलकाता जैसी दूर की जगह से विशेषकर बर्फीले पहाड़ देखने आए थे। यहां आने पर बताया गया कि पर्यटक वहां जा ही नहीं सकते। यह स्थानीय अधिकारियों का निहायत गैर पेशेवर रवैया है।'
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि फिलहाल सरकारी कर्मियों व स्थानीय लोगों को लाहौल स्पीति जिले तक ले जाने वाले वाहनों को ही रोहतांग दर्रे से होकर जाने की अनुमति दी गई है।
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Source : IANS