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हिमाचल की नौकरशाह दंपति ने शहीद परमजीत सिंह की बेटी को गोद लेकर पेश की मिसाल

देश की दूसरी मुस्लिम महिला आईपीएस अंजुम आरा और उनके आईएएस पति युनूस ने संवेदना की नई मिसाल कायम की है।

Updated on: 05 May 2017, 04:26 PM

highlights

  • नौकरशाह दंपति ने शहीद की बेटी को गोद लेकर पेश की मानवता की मिशाल
  • पाकिस्तान बार्डर एक्शन टीम के हमले में पंजाब के तरनतारन के परमजीत सिंह शहीद हो गए थे

नई दिल्ली:

देश की दूसरी मुस्लिम महिला आईपीएस अंजुम आरा और उनके आईएएस पति युनूस ने संवेदना की नई मिसाल कायम की है। अंजुम और युनूस ने शहीद परमजीत सिंह की 12 साल की बेटी खुशदीप कौर को गोद लेने का फैसला किया है।

दंपति ने खुशदीप की स्कूली शिक्षा से लेकर उसकी शादी तक का खर्च उठाने का फैसला लिया है, जिससे उसका भविष्य बेहतर हो सके। बता दें कि पाकिस्तान बार्डर एक्शन टीम के हमले में पंजाब के तरनतारन के परमजीत सिंह शहीद हो गए थे।

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बता दें कि परमजीत सिंह के 3 बच्चे हैं जिनमें एक 16 वर्ष की बड़ी बेटी तथा 12 वर्षीय जुड़वां बेटा और बेटी हैं। अंजुम और यूनुस ने छोटी बेटी को गोद लेने का फैसला लिया है। अंजुम सोलन हिमांचल में सोलन जिला की एसपी हैं तो पति युनूस कुल्लू जिला के डीएम हैं।

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एसपी अंजुम आरा ने कहा, 'खुशदीप की इच्छा है कि वो अपने परिजनों के साथ ही रहना चाहती है। हम बेटी की इच्छा का मान करेंगे और उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएंगे। अगर उसे आईएएस या आईपीएस बनने का शौक होगा तो इस इच्छा को पूरा करने के लिए सारे साधन जुटाएंगे।' वहीं डीएम युनूस का कहना है कि प्रत्येक देशवासी देश के लिए लडऩे वाले सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति इस प्रकार का रवैया रखे।

यूनुस व अंजुम आरा का तीन साल का बेटा है। मानवता और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को दोनों ने ही अपने इस कदम से सार्थक किया है।