Shimla: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है. राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन, सड़क धंसने और फ्लैश फ्लड जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं. अब तक इस आपदा से प्रदेश को कुल 1714 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हो चुका है. सबसे अधिक क्षति लोक निर्माण विभाग को हुई है, जिसे 888 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, वहीं जल शक्ति विभाग को भी 580 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है.
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
- मौसम विभाग ने आगामी दिनों में कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. 4 अगस्त को ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. वहीं कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों में येलो अलर्ट लागू रहेगा.
- 5 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा और सिरमौर में दोबारा ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि हमीरपुर, मंडी, शिमला और सोलन में येलो अलर्ट रहेगा.
- 6 अगस्त को कांगड़ा और मंडी जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग ने 7 से 9 अगस्त के बीच भी खराब मौसम की संभावना जताई है, हालांकि इन तारीखों के लिए अभी तक कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है.
22 स्थानों पर भूस्खलन का खतरा
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के 22 स्थानों पर भूस्खलन का खतरा बना हुआ है. कांगड़ा और सोलन जिलों के दो स्थानों को उच्च संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है.
मंडी जिले में पराशर, कोटरोपी, संधोल, घोड़ा फार्म सहित ग्रिफॉन पीक और तत्तापानी जैसे इलाकों को मध्यम जोखिम वाला क्षेत्र माना गया है. कांगड़ा जिले के बलदुन नूरपुर और सोलन जिले के डक्शी क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा उच्च स्तर का है. प्रशासन ने लोगों से पहाड़ी क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचने और अलर्ट के अनुसार सतर्क रहने की अपील की है.
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