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Himachal Pradesh Cloudburst: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निचार क्षेत्र में एक बार फिर बादल फटने की भयावह घटना सामने आई है. रात के अंधेरे में अचानक तेज बारिश और बादल फटने से पूरे क्षेत्र में अफरातफरी मच गई. तेज बहाव में कई वाहन बह गए, और गांवों में पानी और मलबे का सैलाब घुस आया. कुछ मकान भी इसकी चपेट में आकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
ग्रामीणों ने जंगलों में ली शरण
स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसा इतनी तेजी से हुआ कि कुछ समझने तक का मौका नहीं मिला. जैसे ही बादल फटा, नाले उफन पड़े और तेज धारा गांवों की ओर बढ़ गई. खतरे को भांपते हुए ग्रामीण रातों-रात अपने घर छोड़कर नजदीकी जंगलों की ओर भाग गए. कई घंटों तक लोग वहीं शरण लिए रहे और अपनी जान बचाई.
वाहनों और सड़कों को भारी नुकसान
बादल फटने की वजह से कई वाहन तेज बहाव में बह गए, जबकि कुछ मलबे में दब गए. सड़कों पर मलबे का इतना अंबार लग गया कि पूरा यातायात ठप हो गया. प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और राहत-बचाव कार्य जारी है। जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है.
राज्यभर में 606 सड़कें बंद, दो राष्ट्रीय राजमार्ग प्रभावित
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने पूरे राज्य की रफ्तार थाम दी है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के मुताबिक, अब तक 606 सड़कें पूरी तरह बंद हो चुकी हैं. इनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग – एनएच-3 (अटारी-लेह मार्ग) और एनएच-503ए (अमृतसर-भोटा मार्ग) भी शामिल हैं. सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र कुल्लू (203 सड़कें), मंडी (198 सड़कें), और शिमला (51 सड़कें) हैं.
#HimachalPradesh | #Kinnaur district, a cloudburst occurred last night in a village of Nichar sub-division, sweeping away some vehicles and damaging houses. Residents managed to save their lives by fleeing into the nearby forest. No casualties have been reported in the incident.… pic.twitter.com/Q1Gx4075I8
— DD News (@DDNewslive) September 19, 2025
मौसम विभाग का रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भारी बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया है. शिमला, पालमपुर, कांगड़ा, सुंदरनगर और मुरारी देवी में गरज-चमक के साथ बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि ताबो और बजौरा में हवाओं की रफ्तार 35 किमी/घंटा तक पहुंच गई. प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है.
मानसून सीजन में बढ़ा खतरा
इस मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश में अब तक 46 बादल फटने, 98 अचानक बाढ़, और 146 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं. इन आपदाओं में अब तक 424 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 242 की मौत प्राकृतिक घटनाओं और 182 की मौत सड़क हादसों में हुई है. इसके अलावा 481 लोग घायल हुए हैं और 45 लोग अब भी लापता हैं.
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