Himachal News: हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का कहना है कि प्रदेश सरकार यहां 3 अलग-अलग शिक्षा नेदेशालय बनाने जा रही है. सीएम सुक्खू ने रविवार को नादौन विधानसभा क्षेत्र के अमलैहड़ में बनने वाले राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल के शिलान्यास के दौरान यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्य में प्री-प्राइमरी से लेकर दूसरी कक्षा, तीसरी से बारहवीं कक्षा और स्नातक स्तर के लिए अलग निदेशालय बनाने पर मंथन किया जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस स्कूल के प्राइमरी विंग को एक साल के भीतर तैयार किया जाए. इसमें आधुनिक खेल सुविधाएं भी दी जाएंगी. शिलान्यास के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों के माध्यम से प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लेकर आई है.
भाजपा पर साधा निशाना
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व जयराम सरकार ने स्टाफ का प्रावधान किए बिना 600 स्कूल खोल दिए. वर्तमान सरकार ने फैसला किया है कि इन स्कूलों को तब तक नहीं खोला जाएगा, जब तक इनमें स्टाफ का प्रावधान नहीं होता. उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार की नीतियों गुणात्मक शिक्षा के गिरते स्तर का कारण है और यहीं वजह है कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा के स्तर में देश में 21वें स्थान पर है.
इसलिए राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल जरूरी
सीएम सुक्खू ने आगे कहा कि ग्रामीण परिवेश में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना सरकार की एक परिकल्पना है. इसीलिए राज्य सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित करने में जुटी है.
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ये है खासियत
इन स्कूलों की खास बात ये हैं कि एक ही छत के नीचे सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, ताकि विद्यार्थी आत्मविश्वास के साथ जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में दिक्कत ना आए. फिलहाल,10 विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है.