Himachal Pradesh Cloudburst: पहाड़ों पर इनदिनों कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है. मंगलवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फट गया. जिससे धराती में सैलाब आ गया. जिसमें अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 50 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं. इस बीच हिमाचल प्रदेश से भी बादल फटने की खबर आई है. दरअसल, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में किन्नर कैलाश यात्रा मार्ग पर बुधवार को बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई. जिससे तांगलिंग क्षेत्र में तबाही मच गई. इस प्राकृतिक आपदा के बाद भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने बचाव अभियान शुरू किया. जिसकी वजह से 413 तीर्थयात्रियों की जान बच गई.
बाढ़ में बहा किन्नर कैलाश यात्रा मार्ग का एक हिस्सा
बताया जा रहा है कि अचानक से आई बाढ़ में किन्नर में कैलाश यात्रा मार्ग का एक हिस्सा बह गया है. इस बाढ़ ने तांगलिंग क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है. यात्रा मार्ग के बह जाने से इलाके में सैकड़ों तीर्थयात्री फंस गए. इसके बाद आईटीबीपी की 17वीं बटालियन के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और रस्सी बांधकर तीर्थयात्रियों को निकालना शुरू किया. आईटीबीपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर बताया कि 413 तीर्थयात्रियों को बचा लिया गया है. सभी तीर्थ यात्रियों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है.
आईटीबीपी के मुताबिक इस रेस्क्यू अभियान में आईटीबीपी के एक गैजेटेड अधिकारी के साथ 4 अधीनस्थ अधिकारियों और 29 अन्य रैंक के जवानों ने भाग लिया. जिन्होंने एनडीआरएफ की 14 सदस्यीय टीम के साथ मिलकर तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया.
इलाके में बचाव अभियान जारी
बताया जा रहा है कि इलाके में अभी भी राहत एवं बचाव अभियान जारी है. बता दें कि बुधवार को सुबह किन्नौर जिला प्रशासन ने कई तीर्थयात्रियों के फंसे होने की सूचना दी थी, उसके बाद बचाव अभियान शुरू किया. जो अभी भी जारी है. आईटीबीपी, जिला प्रशासन और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है.
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