logo-image

कोरोना का कहर जारी, चंडीगढ़ में लगा नाइट कर्फ्यू

चंडीगढ़ में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए प्रशासन ने कई पाबंदियां लगा दी है. नाइट कर्फ्यू के दौरान पार्टी और अन्य गैर जरूरी चीजों पर रोक लगा दी है. इसके अलावा रेस्टोरेंट भी रात 10 बजे बंद करने के निर्देश जारी कर दिए है.

Updated on: 06 Apr 2021, 11:57 PM

highlights

  • चंडीगढ़ में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए प्रशासन ने कई पाबंदियां लगा दी है
  • नाइट कर्फ्यू के दौरान पार्टी और अन्य गैर जरूरी चीजों पर रोक लगा दी है
  • इसके अलावा रेस्टोरेंट भी रात 10 बजे बंद करने के निर्देश जारी कर दिए है

चंडीगढ़ :

चंडीगढ़ में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए प्रशासन ने कई पाबंदियां लगा दी है. नाइट कर्फ्यू के दौरान पार्टी और अन्य गैर जरूरी चीजों पर रोक लगा दी है. इसके अलावा रेस्टोरेंट भी रात 10 बजे बंद करने के निर्देश जारी कर दिए है. बता दें कि नाइट कर्फ्यू के दौरान चंडीगढ़ में रात 10 से सुबह पांच बजे कर नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. शहर में अब तक संक्रमण से 384 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि सोमवार को 285 नए पॉजिटिव केस मिले. इस तरह अब तक 28,479 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है. जबकि 3,062 कोरोना एक्टिव मरीजों का इलाज चल रहा है. पिछले 24 घंटे में 2,104 लोगों के कोरोना सैंपल लेकर टेस्टिंग की गई.

यह भी पढ़ें : यूपी में एंट्री करते ही मुख्तार अंसारी के काफिला की गाड़ी टकराने से बची

यूपी सरकार नाइट कर्फ्यू पर करे विचार : हाईकोर्ट

बता दें कि उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से रात में कर्फ्यू लगाने पर विचार करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के कदम उठाए हैं, लेकिन सरकारी निर्देशों का ठीक से पालन नहीं किया जा रहा है. साथ ही प्रदेश के लोगों से कोविड-19 की गाइडलाइन के प्रति अपनी जिम्मेदारी महसूस करते हुए उसे निभाने की अपील भी की है. कोर्ट ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को सरकारी निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है.

यह भी पढ़ें : कोविड मरीजों को बेड न देने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई हो : राज ठाकरे

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण मामले की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से देर शाम समारोहों मे भीड़ को नियंत्रित करने के साथ ही रात्रि कर्फ्यू लगाने पर भी विचार करने को कहा है. कोर्ट ने मास्क व सेनेटाइजर की उपलब्धता बनाए रखने और उपयोग के बाद इसके निस्तारण पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

अगली सुनवाई आठ अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी. कोर्ट ने प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह सौ फीसदी मास्क पहनना अनिवार्य रूप से लागू कराएं. डीजीपी से अपेक्षा की गई है कि वह इस संबंध में कार्ययोजना तैयार करा कर उसे अमल में लाना सुनिश्चित कराएंगे.

अदालत ने कहा है कि कहीं भी भीड़ इकट्ठा न होने दी जाए और उसे तुरंत तितर-बितर किया जाए. खास तौर पर पंचायत चुनावों के लिए नामांकन व प्रचार में भीड़ न होने दी जाए. प्रचार के समय कोरोना गाइड लाइंस का पालन किया जाए. कोर्ट ने 45 वर्ष की आयु पार कर चुके लोगों की बजाय सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन करने और घर-घर जाकर टीके लगाने पर विचार करने का निर्देश देते हुए यह भी कहा है कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की जांच कराई जाए.